चुनाव में किन्नर कैंडिडेट की एंट्री, शबनम मौसी की राह पर चंदा दीदी
भोपाल। मप्र के विधानसभा चुनाव में फिलहाल एक किन्नर प्रत्याशी मैदान में है। आम आदमी पार्टी ने छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा सीट से चंदा किन्नर उर्फ चंदा दीदी को प्रत्याशी बनाया है। टिकट की घोषणा होते ही चंदा ने जन संपर्क तेज कर दिया है। चंदा का मानना है कि मेरे समर्थन में जनता अपना प्यार न्यौछावर करेगी और मैं जनप्रतिनिधि बनकर उनके प्यार का कर्ज सेवा कार्यों से उतारूंगी। आप के प्रदेश पदाधिकारियों ने चंदा किन्नर के कार्यों को देखते हुए ही बतौर प्रत्याशी प्रस्तावित किया, तीन दिन पहले प्रत्याशी घोषित किया। 2018 के चुनाव में 6 किन्नर मैदान में थे। अंबाह से नेहा, दमोह से रेहाना उर्फ शब्बो बुआ, कोतमा से शबनम कोल, जयसिंह नगर से शालू मौसी, होशंगाबाद से पांछी , इंदौर 2 से बाला। सभी निर्दलीय थे।
लोधी, यादव समाज सबका समर्थन मांगा
चुनाव में जातिगत वोटों के महत्व को समझते हुए चंदा ने सभी जातियों के लोगों से समर्थन मांगा है। उन्होंने कहा कि जन-जन से हमारा संपर्क सिर्फ चुनाव का नहीं है। हम तो 12 महीनों और 365 दिन संपर्क में रहते हैं। क्षेत्र में चाहे लोधी समाज के लोग हों या यादव समाज के या प्रजापति सबसे समर्थन मांग रहे हैं, और मिल भी रहा है।
50 हजार मोबाइल फोन नंबरों की सूची का दावा
पीपुल्स समाचार से बातचीत में चंदा किन्नर ने दावा किया उनके पास 50 हजार के लगभग मोबाइल फोन नंबर की सूची है। वे समाजसेवियों, विभिन्न समाज के लोगों और जरूरतमंदों की मदद करने वालों से संपर्क कर उनका नंबर लेती रहीं।
जरूरतमंदों की मदद करने के लिए तैयार रहती हैं चंदा
चंदा जरूरतमंदों की मदद करती आई हैं। किसी बच्चे को स्कूल में एडमिशन तो किसी के इलाज के लिए मदद की। किसी का झगड़ा हुआ तो समझौता करा देतीं या फिर स्थिति को देखते हुए पुलिस में शिकायत करातीं।
ये किन्नर भी राजनीति में दिखा चुके हैं दम
- शबनम मौसी : 1998 में शहडोल की तत्कालीन सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र से देश की पहली किन्नर विधायक चुनी गई थीं।
- कमला जान : 2002 में कटनी शहर की पहली किन्नर महापौर चुनी गईं थीं। हालांकि कोर्ट के फैसले के चलते वे ज्यादा दिन महापौर नहीं रह सकीं। 2009 में सागर से उन्होंने मेयर का चुनाव लड़ा और भाजपा की सुमन अहिरवार को 43,000 वोटों से हराया। कोर्ट में चैलेंज किया गया और वे हार गईं।