ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए आगे और पीछे लगेंगे इंजन

ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए आगे और पीछे लगेंगे इंजन

नई दिल्ली। ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए आने वाले समय में ट्रेनों में दो इंजन (एक आगे और एक पीछे) लगाए जाएंगे। इसके साथ ही ट्रेनों के गेट ऑटोमेटिक किए जाएंगे। ट्रेनों में एंटी जर्क कपलर्स लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को ट्रेन चलने और रुकने के समय झटका नहीं लगे। सभी ट्रेनों को अपग्रेड करने पर जोर: भारतीय रेलवे सिर्फ वंदे भारत ट्रेन को ही आधुनिक बनाने पर जोर नहीं दे रही, बल्कि सभी ट्रेनों को अपग्रेड करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार अगले कुछ सालों में ट्रेनों को पूरी तरह बदलने की तैयारी में है। रेल यात्रियों की सुविधा के लिए ज्यादा भीड़ वाले रूट पर स्टैंडर्ड ट्रेनें चलाने की भी तैयारी है। इससे सीट खाली होने या टिकट कंफर्म होने का इंतजार यात्रियों को नहीं करना पड़ेगा।

अक्टूबर में आएगी पहली खेप

ट्रेनों में आगे और पीछे इंजन लगाए जाएंगे, जिससे सेमी हाईस्पीड ट्रेन तैयार करने में खर्चा कम हो जाएगा। दो इंजन लगी ट्रेनों को पुश एंड पुल मेथड पर चलाया जाएगा। इससे आगे बढ़ने और पीछे चलने में ट्रेनों को कम समय लगेगा और स्पीड भी बढ़ाई जा सकेगी। गौरतलब है कि मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को साल 2019 से इसी तरीके पर चलाया जा रहा और समय घटाने में सफलता मिली है। चितरंजन लोकोमोटिव वर्कशॉप में डब्ल्यूएपी-5 और डब्ल्यूएपी-7 क्लास के इंजन में भी बदलाव किया जा रहा है। ये इंजन सेमी हाईस्पीड पर दौड़ सकते हैं। अक्टूबर तक इस तरह के इंजन की पहली खेप आने की उम्मीद है।