गारमेंट एंड फैशन डिजाइनिंग क्लस्टर के डाइंग प्लांट को मंजूरी मिले तो बढ़ेगा रोजगार

गारमेंट एंड फैशन डिजाइनिंग क्लस्टर के डाइंग प्लांट को मंजूरी मिले तो बढ़ेगा रोजगार

जबलपुर। राज्य शासन की मदद से शहर के गोहलपुर में रेडीमेड गारमेंट एंड फैशन डिजाइनिंग क्लस्टर का निर्माण हो चुका है जहां 200 यूनिट कार्यरत हैं। इनमें से 95 फीसदी ने काम भी चालू कर दिया है और देश के कई राज्यों में यहां पर बना माल जाता है। करीब 70 करोड़ की लागत से तैयार इस उपक्रम में एक ही जगह पर रेडीमेड गारमेंट तैयार होते हैं और करीब 7 हजार लोग यहां से रोजगार पा रहे हैं। यहां पर डाइंग प्लांट लगकर तैयार है जो कि पीयूसी की अनापत्ति का इंतजार कर रहा है यदि शासन इसे अनुमति देता है तो उद्यमियों को तो लाभ होगा ही साथ ही करीब 4 हजार लोगों को और रोजगार मिलने लगेगा। गोहलपुर स्थित गारमेंट क्लस्टर में कुर्ता पायजामा, जींस, टीशर्ट, शर्ट, लेडीज गारमेंट, बच्चों के गारमेंट का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जाता है। इनकी मांग देश के कई राज्यों में है जिसमें साउथ पहले नंबर पर है,यहां के तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना में खासी मांग है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, मध्यप्रदेश में भी यहां बने रेडीमेड गारमेंट की अच्छी मांग है।

क्या है डाइंग प्लांट

क्लस्टर में रेडीमेड गारमेंट निर्माताओं को जींस के निर्माण के लिए डाइंग वॉशिंग प्लांट की जरूरत थी जिसे करीब 5 करोड़ की लागत से स्थापित किया गया है। इसमें जींस के कपड़े को नरम करने,धुलाई रंगाई का काम किया जाता है। इसके लिए करीब 40 दिन पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में आवेदन दिया गया था जिसकी अनुमति अभी तक नहीं मिली है।

गारमेंट क्लस्टर का आवेदन खारिज हो गया है,पूरी प्रक्रिया ऑन लाइन है जिसमें प्रथम स्टेजपर ही आवेदन निरस्त हुआ था इसमें जो क्वेरीज या औपचारिकताएं हैं उन्हें पूरा नहीं किया गया है। आलोक जैन,क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

रेडीमेड गारमेंट एंड फैशन डिजाइनिंग क्लस्टर में 200 यूनिट हैं जिनमें से 95 फीसदी काम कर रही हैं। यहां पर 6 से 7 हजार लोगों को रोजगार मिला है,यदि डाइंग प्लांट को पीयूसी से अनुमति मिल जाती है तो 4 हजार लोगों को और रोजगार मिल सकता है। दीपक जैन,एमडी,रेडीमेड गारमेंट एंड फैशन डिजाइनिंग क्लस्टर।