सेहत का चुनावी कनेक्शन : प्रतिद्वंद्वियों को उम्रदराज उम्मीदवारों की होने लगी ‘चिंता’

टिकट के दावेदार सत्ता-संगठन को पहुंचा रहे नेताओं की बीमारियों की जानकारी

सेहत का चुनावी कनेक्शन : प्रतिद्वंद्वियों को उम्रदराज उम्मीदवारों की होने लगी ‘चिंता’

भोपाल। प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने सेहत का हवाला देते हुए अगला विस चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करने वालीं यशोधरा ने अगस्त में ही पार्टी हाईकमान को चिट्ठी लिखकर बताया था कि चार बार कोविड होने से वे चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। भाजपा के 79 टिकट घोषित करने के बाद 151 उम्मीदवार और घोषित किए जाने हैं। ऐसे में उम्रदराज माननीयों की सेहत उनके विरोधियों को ज्यादा सताने लगी है। दरअसल, ऐसे अनुभवी मंत्री और विधायकों की बढ़ती उम्र और सेहत को लेकर उनके प्रतिद्वंद्वी ज्यादा चिंता कर रहे हैं। टिकट के मौजूदा दावेदार मंत्री यशोधरा राजे का उदाहरण देकर अपना दावा मजबूत कर रहे हैं। भाजपा सूत्रों की मानें तो संगठन को उम्रदराज प्रत्याशी की बजाए युवा प्रत्याशी देने के सुझाव दिए जा रहे हैं। वे संगठन को उम्रदराज प्रत्याशियों की बीमारियों की जानकारी दे रहे हैं।

ये भाजपा विधायक इस समय सबसे उम्रदराज

नागेंद्र सिंह नागौद (80) : नागौद के विधायक नागेंद्र सिंह अपनी उम्र और सेहत का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने में असमर्थता जता चुके हैं। वे परिवार के सदस्य को बतौर उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं।

गोपीलाल जाटव (75) : गुना के विधायक गोपीलाल छठवीं बार विधायक चुने गए हैं। वे 1969 से राजनीति में सक्रिय हैं। जाटव ने जनसंघ के सदस्य के रूप में भी काम किया। वे 1974 से 1990 तक पार्षद रह चुके हैं।

श्यामलाल द्विवेदी (74) : 1983 में सरपंच चुने गए द्विवेदी को 35 साल बाद 2018 में पहली बार रीवा जिले के त्योंथर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। इससे पहले वे जिला पंचायत के सदस्य भी रहे।

बिसाहूलाल सिंह (73) : अनूपपुर से छह बार के विधायक हैं। 2018 में वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसके बाद नवंबर 2020 में हुए उप चुनाव में बतौर भाजपा प्रत्याशी जीत हासिल की। खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री हैं।

डॉ. सीतासरन शर्मा (73) : विधानसभा के पूर्व स्पीकर डॉ. सीतासरन शर्मा होशंगाबाद विस क्षेत्र के कद्दावर नेता हैं। वे पांच बार इटारसी और होशंगाबाद से विधायक चुने गए। 2003 और 2008 में अंतराल के बाद 2013 से विधायक हैं।

गोपाल भार्गव (71) : प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री पं. गोपाल भार्गव आठ बार के विधायक हैं। रहली विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। हाल ही में ज्योतिष से चर्चा के आधार पर तीन चुनाव और लड़ने की बात कह चुके हैं।

कार्यक्रमों के दौरान इन नेताओं की बिगड़ी तबीयत

1. गिरीश गौतम: गणतंत्र दिवस पर कार्यक्रम के दौरान तबीयत बिगड़ने पर तत्काल भोपाल लाकर भर्ती कराया गया।

2. डॉ. प्रभुराम चौधरी: गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का संदेश पढ़ते समय चक्कर आए।

3. सुरेंद्र पटवा: पार्टी की विकास यात्रा के दौरान तबीयत बिगड़ी ,कार्यक्रम स्थगित। कई दिनों तक भर्ती रहे।

टिकट देते समय दावेदार का हेल्थ चेकअप नहीं होता

यशोधरा राजे सिंधिया ने सेहत का हवाला देकर चुनाव लड़ने से इंकार किया है। पार्टियां किसी प्रत्याशी का हेल्थ चेकअप करने नहीं बैठती। प्रत्याशी चयन में उम्र का भी कभी कोई पैमाना नहीं रहा। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में ननकीराम कंवर को प्रत्याशी बनाया है। प्रत्याशी वही होता है जिस पर हाईकमान को तसल्ली हो। -गिरिजा शंकर, वरिष्ठ पत्रकार

ये माननीय भी अनुभवी 

  • गौरीशंकर बिसेन (71)
  • अजय विश्नोई (71) 
  • गिरीश गौतम (70) 
  • करन सिंह वर्मा (70) 
  • प्रेम सिंह पटेल (67)

प्रत्याशी चयन का पैमाना तय

हालांकि पार्टी का स्पष्ट कहना है कि प्रत्याशी चयन का पैमाना सिर्फ शीर्ष नेतृत्व तय करता है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा कह चुके हैं कि प्रत्याशी चयन में अनेक पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है।