रेफरल कम करने की कवायद शुरू, मेडिकल में मंथन

रेफरल कम करने की कवायद शुरू, मेडिकल में मंथन

जबलपुर। मातृ-मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के बीच अब जिलों से रेफर होकर आ रहे केसों को कम करने की कवायद स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है। इसी क्रम में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग में रीजनल रिसोर्स ट्रेनिंग सेंटर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में गायनिक विभाग, पीएसएम विभाग के साथ पीडियाट्रिक विभाग के साथ अन्य जिलों के सेंटरों से आए चिकित्सक विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।

डिवीजनल को-आर्डिनेटर मोहित बाजपेयी ने बताया फस्ट रेफरल यूनिट इंडिया हेड एक्शन ट्रस्ट इंडिया और मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्चावधान में मेनटरिंग मॉडल प्रोग्राम चलाया जा रहा है। कार्यशाला में इस बात को लेकर मंथन किया गया कि जिन सेंटरों से रेफर केस मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं उनमें प्रसूति संबंधी सुविधाएं उपलब्ध है या नहीं। यदि है तो केस को रेफर क्यों किया गया है। कार्यशाला में राज्य स्तरीय अधिकारी डॉ. रूपाली साहनी ने प्रोग्राम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए रेफरल को कम करने पर चर्चा की।

ये विशेषज्ञ हुए कार्यशाला में शामिल

विभाग में आयोजित कार्यशाला में गायनिक विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. कविता एन सिंह, पीएसएम विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. राजेश तिवारी, पीडियाट्रिक विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका लाजरस, डॉ. दीप्तिी गुप्ता, डॉ. जया उपाध्याय, डॉ. अखिलेंद्र परिहार, डॉ. रविन्द्र विश्नोई सहित अन्य चिकित्सक विशेषज्ञ उपस्थित रहे।