ओलावृष्टि का असर: दाल-आटे के दामों में आया उछाल बिगड़ा बजट
ग्वालियर। अंचल में पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश एवं ओलावृष्टि की वजह से महंगाई के बोझ के तले पिस रही जनता की परेशानी को और बढ़ा दिया है। ओलावृष्टि की वजह से एक सप्ताह के भीतर दालों के साथ-साथ आटे में तेजी आ चुकी है। कारोबारियों की माने तो चना दाल, तुअर दाल सहित लगभग सभी दालों के दामों में तेजी है, इसकी मुख्य वजह ओलावृष्टि की वजह से फसलों को हो रहे नुकसान को बताया जा रहा है।
हाल ही में हुई बारिश की वजह से गेहूं के साथ ही चने की फसल को भी भारी नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसकी वजह से अचानक थोक के साथ-साथ खेरिज बाजार में भी तेजी आ गई है। थोक बाजार में चना दाल के भाव में 400 से 600 रुपए क्विंटल की तेजी हो गए है तो बाकी के अन्य दाल में ग्राहकी कमजोर होने के बाद भी तेजी आ चुकी है। आटे की बात की जाए तो एक सप्ताह पहले ब्रांडेड कंपनी को 50 किलो का आटा 1350 से 1370 रुपए पर घटकर आ गया था जो कि अब 1450 से 1550 रुपए तक पहुंच गया है। गेहूं की फसल को इस मौसम की मार की वजह से जिस हिसाब से नुकसान होना बताया जा रहा है, उसको देखते हुए गेहूं एवं आटे में आने वाले दिनों में खासी तेजी आ सकती है।
स्टॉकिस्ट हुए सक्रिय और बढ़ेंगे दाम
दालों एवं आटे में स्टॉकिस्ट सक्रिय हो गए हैं। तेजी के इस दौर में मुनाफा कमाने के लिए कारोबारियों ने स्टॉक करना प्रारंभ कर दिया है। इसी के चलते शादियां बंद होने के बाद भी थोक बाजार में अच्छा खासा कारोबार इन जिस में देखने को मिल रहा है। मौसम की इस मार का खामियाजा जनता को महंगाई के रूप में और झेलना पड़ेगा।
सरसों- रिफाइंड तेल में गिरावट
इन दिनों तेलों के मामले में जनता को हल्की राहत है, क्योंकि मौसम में परिवर्तन होने से पहले अधिकतर सरसों कट चुकी है और बाजार में नया माल आ चुका है। इसी की वजह से सरसों का तेल कुछ दिनों पहले तक 140 से 145 रुपए में बिक रहा था वह अब थोक बाजार में 110 से 111 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है ऐसा की कुछ हाल रिफाइंड का है यह लूज में 115 रुपए प्रतिकिलो पर बिक रहा है। तेल कारोबारियों की माने तो आने वाले दिनों में तेजी आ सकती है।
ओलावृष्टि की वजह से फसलों को आ रहे नुकसान की वजह से दालों में स्टॉकिस्ट सक्रिय होने की वजह से डिमांड बढ़ी है और चना, तुअर समेत सभी दालोें के भाव तेज हो गए हैं। विनीत गोयल, कारोबारी दाल बाजार
लोकमन गेहूं में 200 रुपए प्रतिक्विंटल की तेजी है वर्तमान में तीन हजार रुपए प्रतिक्विंटल एवं शरबती गेहूं 3400 से 4000 रुपए प्रतिक्विंटल हो गया है। बाजार की आगे की स्थिति के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। विनोद गोयल,थोक गेहूं कारोबारी
नई फसल आने एवं बाजार में ग्राहकी के अभाव की वजह से तेलों में खासी गिरावट आ चुकी है। हालांकि अभी कुछ किसानों की फसल आना बाकी हैं, लेकिन आगे अधिक तेजी नजर नहीं आ रही है। बाजार में स्टॉकिस्ट सक्रिय हो चुके हैं। मनीष बलेचा, थोक तेल कारोबारी दाल बाजार