पढ़े-लिखे आदिवासी युवा ने विपक्ष के समक्ष रखा अपना मांगपत्र

पढ़े-लिखे आदिवासी युवा ने विपक्ष के समक्ष रखा अपना मांगपत्र

इंदौर। इंदौर में युवा आदिवासी महापंचायत को लेकर कांग्रेस काफी उत्साहित है। हालांकि यह कार्यक्रम आदिवासी छात्र संगठन के बैनर तले था, लेकिन इसे कांग्रेस ने भुनाने की पूरी कोशिश की और विपक्ष के तौर पर कांग्रेस के पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और कन्हैया कुमार मौजूद थे। पढ़े-लिखे आदिवासी युवा ने विपक्ष के समक्ष अपना मांगपत्र रखा, जो पहले सरकार के समक्ष भी रख चुके थे, लेकिन सरकार से कहीं ना कहीं नाराजगी इन युवाओं में दिखाई दी, जबकि भाजपा का दावा यह है कि पढ़ा लिखा युवा आदिवासी भाजपा के पक्ष में है।

देखा जाए तो मालवा-निमाड़ में सबसे अधिक आदिवासी हैं। कुल 22 सीट आरक्षित हैं, जिसमें से 11 सीट पर भाजपा का तो 11 सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। इस बार दोनों ही दल इन 22 सीटों में से बची 11 सीटों पर अपना दाव लगा रहे हैं... और जो हैं, उसे बचाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। रविवार को हुई महापंचायत में आसपास के जिलों के लगभग 3000 के आदिवासी युवा पहुंचे। कांग्रेस के मान से यह कार्यक्रम उम्मीद से अधिक बेहतर रहा।

गौरतलब है कि भाजपा हो या कांग्रेस... दोनों ही दल आदवासी सीटों पर केंद्रित हैं। मालवा निमाड़ में आदिवासी बेल्ट से कांग्रेस के पास 11 सीट हैं, जिसमें धार की 5 सीट, झाबुआ की तीन और आलीराजपुर की एक, सैलाना, बड़वानी की दो सीट कांग्रेस के पास हैं। देखा जाए तो भाजपा और कांग्रेस के पास आदिवासी सीटों का बंटवारा हो चुका था। दोनों को 11-11 सीट से संतुष्ट होना पड़ा था। अब पूरा फोकस इन्हीं बची सीटों पर दोनों ही दलों का है।

आदिवासी युवा महापंचायत इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यही रहा कि युवा टीम से संवाद स्थापित करना... यह पहल भी आदिवासी नेताओं द्वारा ही की गई, क्योंकि इसके पहले कई बार ज्ञापन, धरना-प्रदर्शन कर अपनी बात सरकार तक पहुंचा चुके हैं, पर हर बार बेनतीजा ही रही और सकारात्मक पहल नहीं हुई। इससे आदिवासी नाराज भी था, इसलिए उन्होंने अपने मंच पर विपक्ष के नेता कमलनाथ को आमंत्रित किया और एक माह से इन सभी आदिवासी नेताओं और कार्यक्रम के संयोजन के लिए कमलनाथ ने इंदौर के युवा नेता अमन बजाज को को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया, जिसने दो माह से सतत संपर्क स्थापित किया।

अदिवासी युवा कनेक्ट हुआ

कांग्रेस का मानना है कि इंदौर में लगभग 40 से 50 हजार ट्राइबल इंदौर में पढ़ाई करने आ रहे हैं। आसपास के सभी जिलों से यहां आते हैं, हॉस्टल में रहते हैं... जो कहीं-ना-कहीं परेशान नजर आते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से आदिवासी युवा कनेक्ट हुआ है, वहीं हाल ही में पटवारी घोटाले के कारण युवाओं की भावना बाहर निकली और विरोध भी सामने आया... यह आरोप छात्रों ने भी लगाया। कन्हैया कुमार ने अपने संबोधन से युवाओं का दिल जीता, जो काफी प्रभावी रहा।