ईडी की दहशत : फर्जी पत्र से सरकार भी हुई भ्रमित, रोकी चीफ इंजीनियर की पोस्टिंग
भोपाल। देश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का डर दिखाकर कारोबारियों और अफसरों पर अड़ीबाजी की घटनाओं के बाद अब सरकार को भ्रमित किए जाने का मामला सामने आया है। ईडी के एक फर्जी पत्र ने मप्र शासन को लोक निर्माण विभाग के एक चीफ इंजीनियर की पोस्टिंग से रोक दिया। आठ महीने बाद शासन को पता चल रहा है कि पत्र नकली था। मामला फिल्म ‘स्पेशल 26’ से मिलता जुलता है। विभागीय मंत्री अब इस मामले में जांच और एफआईआर कराने की बात कह रहे हैं।
पिछले साल अगस्त में प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैस के नाम पर ईडी के जॉइंट डायरेक्टोरेट (इंटेलीजेंस) कार्यालय, दिल्ली से एक गोपनीय पत्र भेजा गया। इसमें पीडब्ल्यूडी के प्रभारी चीफ इंजीनियर एआर सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और गैर आनुपातिक संपत्ति की शिकायत की गई। साथ ही इन्हें फील्ड या महत्वपूर्ण पोस्टिंग न दिए जाने की बात लिखी थी।
फर्जी है पत्र ईडी : कुछ महीने यूं ही निकल गए, जब एआर सिंह ने पूछताछ की और दबाव बढ़ाया तब ईडी दिल्ली से पत्र की सत्यता का पता करने दिसंबर में विभागीय पत्र भेजा गया। अब ईडी की ओर से जवाब मिला है कि इस तरह का कोई पत्र उसकी ओर से नहीं भेजा गया।
प्रमुख सचिव की एडवायजरी : प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह की ओर से सोमवार को प्रमुख अभियंता लोनिवि को सर्कुलर जारी कर साइबर फ्रॉड और दूरभाष पर होने वाली धोखाधड़ी से बचने की एडवायजरी जारी की है। हालांकि, इसमें फर्जी पत्र की पुष्टि के संदर्भ में कोई मशविरा नहीं है।
एफआईआर के निर्देश
इस संबंध में लोनिवि के प्रमुख अभियंता नरेंद्र कुमार को शासन की ओर से एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। कुमार ने ‘पीपुल्स समाचार’ को बताया कि शासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा।
दोषी को दंडित कराएंगे
यह मामला अभी मेरी जानकारी में नहीं आया है। मामले में जांच कराकर सरकार को भ्रमित करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी। - गोपाल भार्गव, मंत्री लोनिवि मप्र