जाम का सबब बने ई-रिक्शा, बिना रूट प्लान के हो रहे संचालित
ग्वालियर। शहर में लगातार बढ़ रही ईरिक् शा की संख्या से जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। लोगों को जाम में घंटों फंसना पड़ रहा है। यह अकेले ग्वालियर शहर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की स्थिति है। इसका मुख्य कारण ई-रिक्शा के लिए रूट नहीं बनना है। चालक ई-रिक्शा को बेतरतीब ढंग से इधर-उधर खड़ा करते हैं। साथ ही दूसरे वाहनों को निकलने की जगह नहीं देते जो जाम का कारण बनता है। जाम लगने पर दूर-दूर तक दोनों साइड ई-रिक्शा ही नजर आते हैं। प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में आज की स्थिति में 59110 ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि सड़कों पर डेढ़-दो लाख संचालित हो रहे हैं। वर्ष 2023 में 26761 ई-रिक्शा पंजीकृत हुए हैं, जबकि वर्ष 2022 में सिर्फ 13881 थे।
ई-रिक्शा का रूट बनाने आंदोलन किया मगर कुछ नहीं हुआ
ऑटो रिक्शा और टेंपो चालक ई-रिक्शा के रूट बनाए जाने की मांग को लेकर जून और सितंबर 2023 में दो बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक रूटों का निर्धारण नहीं हो सका है। टेंपो- टैक्सी चालक संघ के अध्यक्ष भीमा चौहान का कहना है कि आरटीओ और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आंदोलने खत्म कराने के लिए ई-रिक्शा के रूट बनाने का आश्वासन दिया था मगर उसे पूरा नहीं किया है। ई-रिक्शा कम किराए में सवारियां ले जा रहे हैं, इसके कारण ऑटो और टेंपो चालकों को सवारियां नहीं मिल रहीं, इसके कारण डीजल का खर्चा तक नहीं निकल पा रहा है, इसलिए ई-रिक्शा और टेंपो-ऑटो चालकों में आए दिन विवाद हो रहे हैं।
अवैध ई-रिक्शा नहीं हो रही कार्रवाई
बिना पंजीकरण के चल रही ईरिक्शाओं पर परिवहन विभाग और यातायात पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसकी वजह ये है कि इन ई रिक्शा पर कोई पंजीकरण नंबर न होने के कारण उसका चालान भी नहीं हो पाता। अगर इस तरह की ई-रिक्शा पकड़कर जब्त की जाए तो उन्हें खड़ा करने के लिए विभाग के पास कोई यार्ड या स्थान भी उपलब्ध नहीं है। इस वजह से बिना पंजीकरण के ईरिक् शा बेरोकटोक सड़कों पर दौड़ रही हैं।
ई-रिक्शा के रूट बनाने को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह मुद्दा उठा था मगर कुछ नहीं हुआ है। इस मामले में प्रशासन से फिर से बात की जाएगी। एचके सिंह, आरटीओ