गार्बेज शुल्क युक्तियुक्तकरण होने से 18 करोड़ रुपए डिमांड घटेगी, सॉफ्टवेयर के बदलाव में लगेंगे 7 दिन
ग्वालियर। गार्बेज शुल्क के भोपाल, इंदौर, जबलपुर की तरह युक्तियुक्तकरण करने के बाद ग्वालियर संपत्तिकर अमले की डिमांड 18 करोड़ घट जाएगी। हालांकि आदेश अनुसार राशि लेने के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव में लगभग 7 दिन लगेंगे, तो नई दरों का फायदा केवल बीते वित्तीय वर्ष 2022-23 व 2023-24 में गार्बेज शुल्क दे चुके या देने वाले करदाताओं को ही मिलेगा। इससे पुराने गार्बेज शुल्क पर रियायत देने के लिए कोई आदेश नहीं मिला है।
नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव द्वारा जारी आदेश में नगर निगम परिषद द्वारा 24 जुलाई 2023 को जारी ठहराव क्रमांक 63 में गार्बेज शुल्क की दरों के संबंध में निगमायुक्त द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को युक्तियुक्तकरण करने की अनुमति दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 2020 में हुए विधानसभा उपचुनाव के ठीक पहले 19 सितंबर को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की पहल पर तत्कालीन निगम प्रशासक आशीष सक्सैना व तत्कालीन निगमायुक्त संदीप माकिन सहित अन्य के साथ ग्वालियर में गार्बेज शुल्क को स्थगित कर दिया था, लेकिन वर्ष बदलने पर पुन: बड़ी दरों से वसूली का व्यापारियों व अन्य के द्वारा विरोध किया जा रहा था। जिसके चलते ही अभियाचित की बैठक से प्रस्ताव पारित कर नए सिरे से भोपाल-इंदौर की रेटों के हिसाब से तैयार प्रस्ताव को निगमायुक्त ने भोपाल पहुंचाया था, जिस पर स्वीकृति मिली है।
निगम द्वारा जारी की है 36 करोड़ की डिमांड
निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लगभग 1.10 लाख करदाताओं पर 36 करोड़ की डिमांड की हुई है और नए आदेश आने के बाद लगभग 18 करोड़ की डिमांड घट जाएगी, साथ ही निगम को प्रत्यक्ष वसूली में लगभग 5 करोड़ का घाटा होना तय माना जा रहा है। हालांकि वर्तमान में निगमायुक्त ने संपत्तिकर विभाग को 240 करोड़ रुपए का टारगेट दे रखा है और अभी तक 36.37 करोड़ रुपए की राशि मिल चुकी है।
विधानसभा चुनाव में फायदा लेने की तैयारी
जानकारों की मानें तो कांग्रेस सत्ता वाली निगम परिषद ने मेयर इन काउंसिल से गार्बेज शुल्क के युक्तियुक्तकरण करने व जलकर माफी के लिए प्रस्ताव महीनों पहले पारित कर दिए थे। लेकिन निगमायुक्त के चलते एजेंडे परिषद नहीं पहुंचे थे और इस बीच कांग्रेस के एजेंडे को भाजपा अभियाचित में ले आई। जिस पर कांग्रेस ने भी सदन में सहमति दे दी।
गार्बेज शुल्क के युक्तियुक्तकरण करने पर महापौर ने दिया सीएम व निगम परिषद को धन्यवाद
महापौर शोभा सिकरवार ने गार्बेज शुल्क के युक्तियुक्तकरण करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मेयर इन काउंसिल व परिषद के सदस्यों का धन्यवाद किया है। अब राज्य शासन जलकर वसूली की माफी के प्रस्ताव को भी शासन जल्द से जल्द स्वीकृति दे। जिससे कोरोना से पीड़ित लोगों को राहत मिल सके। यह बात महापौर शोभा सिकरवार ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। सोमवार को आयोजित चर्चा के दौरान महापौर ने बताया कि निगम एमआईसी की बैठक में विनियमित कर्मचारियों को 6वां व 7वां वेतनमान देने व नियमित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। वहीं आउटसोर्स कर्मचारियों के भर्ती मामले में उन्होंने कहा कि मामला गंभीर था, इसलिए ईओडब्ल्यू को जांच के लिए दे दिया गया है। वहीं बार-बार अभियाचित बैठक के मुद्दे पर निगम एमआईसी सदस्य अवधेश कौरव ने कहा कि एमआईसी लगातार जनता के हित में निर्णय ले रही है लेकिन अधिकारियों के दबाव में काम करने के चलते मुद्दे परिषद के एजेंडे में नहीं दिखाई देते हैं। इस मौके पर जिलाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, एमआईसी सदस्य आशा सुरेन्द्र चौहान, सुनीता अरूणेश कुशवाह, विधायक प्रतिनिधि कृष्णराव दीक्षित मौजूद थे।
कैट ने जताया आभार
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स द्वारा गार्बेज शुल्क के युक्त युक्तिकरण होने पर महापौर शोभा सतीश सिकरवार का धन्यवाद ज्ञापित किया। कैट जिला अध्यक्ष दीपक पमनानी एवं महामंत्री मनोज चौरसिया ने बताया कि कैट 2020 से इसका लगातार विरोध कर रहा था। कैट ने 3 नवंबर 2022 को परिषद के बाहर धरना प्रदर्शन किया। 3 फरवरी 2023 एवं 1 जून 2023 को महापौर एवं सभापति को पुन: ज्ञापन सौंपा । 22 जून 2023 को महापौर द्वारा दिए गए धरने में कैट शामिल हुआ। कैट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ऊर्ज मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, ग्वालियर महापौर शोभा सतीश सिकरवार, सभापति मनोज तोमर को धन्यवाद ज्ञापित किया।
चेंबर ने महापौर का आभार जताया
चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष डॉ. राकेश अग्रवाल ने गार्बेज शुल्क का युक्तियुक्तकरण कराने के लिए महापौर डॉ. शोभा सतीश सिकरवार का आभार जताते हुए कहा कि चेंबर की मांग पर मेयर इन काउंसिल से उक्त प्रस्ताव पास कराकर परिषद से पास कराया और अब इस प्रस्ताव को शासन द्वारा पास किया है। इससे व्यापारियों को लाभ मिलेगा। महापौर के प्रति आभार जताते वालों में चेंबर ऑफ कॉमर्स के अखिलेश गोयल, शरद गोयल, रवि अग्रवाल, रवि रूसिया, मनोज भाटिया, विनोद विजपुरिया, अनुराग गर्ग, मनोज सांघी, कन्हैया मित्तल, मनोज अग्रवाल बाबा, प्रमोद जैन, सौरभ गुप्ता एवं संजय गोयल शामिल हैं।