केमिकल नहीं होने से छात्र प्रैक्टिकल नहीं कर पा रहे, ए प्लस प्लस यूनिवर्सिटी ऐसी नहीं होती

केमिकल नहीं होने से छात्र प्रैक्टिकल नहीं कर पा रहे, ए प्लस प्लस यूनिवर्सिटी ऐसी नहीं होती

ग्वालियर। जेयू की अध्ययनशालाओं में पिछले एक साल से केमिकल नहीं हैं, छात्र-छात्राएं प्रैक्टिकल नहीं कर पा रहे हैं, साथ ही खरीद नहीं होने से शिक्षक चौक-डस्टर खुद लेकर आ रहे हैं। ये ए प्लस प्लस यूनिवर्सिटी की स्थिति है। अगर कार्यपरिषद की बैठक में छात्रों के मुद्दों पर चर्चा नहीं होगी तो बैठक करना बेकार है। खरीद-फरोख्त से संबंधित जो दस्तावेज मांगे थे, वह जानबूझकर नहीं दिए गए हैं, ताकि कलई नहीं खुल जाए। जीवाजी विवि में शुक्रवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में मेंबर डॉ. विवेक भदौरिया और कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी के बीच तीखी बहस हुई। मेंबर के तेज आवाज में बोलने पर कुलपति यह कहते हुए सीट छोड़कर चले गए कि वह इस तरह से नहीं सुन पाएंगे।

इसके बाद मेंबर डॉ. भदौरिया कुलपति की सीट यानि अध्यक्ष की सीट पर जाकर बैठ गए। यह देखकर कुलसचिव भी वहां से निकल गए। अन्य मेंबरोें ने डॉ. भदौरिया को शांत कराया, तब वह अध्यक्ष की सीट से उठकर अपनी सीट पर आकर बैठ गए। 10 मिनट बाद कुलपति और कुलसचिव फिर बैठक में आ गए। कुलसचिव अरुण चौहान ने कहा कि 7 दिन के अंदर केमिकल व अन्य खरीद-फरोख्त के लिए टेंडर निकाले जा रहे हैं। इस पर मेंबर ने कहा कि एक साल से टेंडर नहीं निकाले जा सके हैं तो सात दिन में कैसे निकाले जाएंगे।

नियुक्तियां शून्य कर दी हैं तो निरीक्षण क्यों

ईसी मेंबर डॉ. विवेक भदौरिया ने कहा कि कॉलेजों को प्राचार्य, शिक्षकों की नियुक्तियां करने के लिए समय दिया जाए, क्योंकि विवि ने नियुक्तियों का ईसी से अनुमोदन नहीं होने पर निरस्त कर दिया है, इसलिए 90 फीसदी कॉलेजों में शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में कॉलेजों का निरीक्षण करना बेमानी है, क्योंकि शिक्षक नहीं होने कॉलेज को संबद्धता नहीं मिलेगी। इस पर तय हुआ कि कॉलेजों को विवि परिनियम 28/17 के तहत शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्तियां करने के लिए 12 फरवरी तक की मोहलत देने पर सहमति बनी। मेंबर ने झुंडपुरा कॉलेज का मामला उठाया तो डीसीडीसी ने कहा कि कॉलेज को सत्र 2023-24 की संबद्धता नहीं दे रहे हैं।

ये निर्णय हुए

ऑनलाइन टोकन सिस्टम शुरू होगा, संबद्धता की फीस बढ़ाने के मामले पर अगली बैठक में चर्चा होगी। 18 लॉ कॉलेजों को सत्र 2024-25 की संबद्धता दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, जीवाजीराव सिंधिया और महाकवि भवभूति की मूर्ति लगेंगी। संस्कृत पीठ की स्थापना होगी। बायोइनफॉर्मेटिक्स फेसिलिटी सेंटर में डिप्लोमा कोर्स शुरू होगा। प्रो. एसएन महापात्रा और डॉ. सुमन जैन को विदेश जाने की अनुमति दी। इन्क्यूबेशन सेंटर को कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड कराने के लिए 7 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। कर्मचारी भगवानदास राठौर, नारायण खरे, धर्मेंद्र श्रीवास्तव की मौत पर उनके परिजनों की अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। 2007 के बाद स्थाईकर्मी 31 लोगोें को वेतन के अंतर की राशि दी जाएगी।

यहां से शुरू हुआ विवाद

ईसी की बैठक शुरू होने के बाद कुलपति प्रो. तिवारी ने कहा कि पहले एजेंडे पर चर्चा कर लेते हैं। एजेंडे पर चर्चा के बाद स्थाई समिति, भवन समिति और प्लानिंग बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णयों को मान्य कर लिया गया। इसके बाद मेंबर डॉ. भदौरिया ने कहा कि उन्होंने पत्र के जरिए कुछ जानकारियां मांगी थीं, वो कहां हैं। कुलसचिव ने कहा कि जानकारी इकट्ठी होने पर दे दी जाएंगी। यह सुनकर डॉ. भदौरिया ने कहा कि मैं ईसी मेंबर हूं, कोई साधारण व्यक्ति नहीं, जो आप इस तरह के शब्दों को इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं इसकी निंदा करता हूं। कुलसचिव ने कहा कि आप कोई विशेष दस्तावेज बता दें, जिनमें गड़बड़ी है, वह मंगा देते हैं। इस पर मेंबर ने कहा कि यह मेरा अधिकार है, मैं कुछ भी मांग सकता हूं और मामला छात्रों से जुड़ा है, इसलिए मैंने जो जानकारी मांगी है वो आपको देना होगी।

जेयू ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त विवि है, लेकिन स्थिति यह है कि अध्ययनशालाओं में एक साल से केमिकल नहीं है, साथ ही अन्य सामान नहीं हैं, इसलिए मेरे द्वारा खरीद-फरोख्त के दस्तावेज मांगे गए थे जो नहीं दिए गए हैं, क्योंकि कहीं न कहीं गड़बड़ी है। अगर छात्रों के मुद्दे ईसी में नहीं उठाए जाएंगे तो कहां और कौन चर्चा करेगा। इस मुद्दे पर बोलने पर कुलपति कुर्सी छोड़कर चले जाते हैं। डॉ. विवेक भदौरिया,ईसी मेंबर जेयू