समय से पहले डॉक्टर नदारद, वृद्ध मरीज इंतजार में होते रहे परेशान

समय से पहले डॉक्टर नदारद, वृद्ध मरीज इंतजार में होते रहे परेशान

इंदौर। शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद सूबे के सबसे बड़े अस्पताल शा. महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय की ओपीडी प्रतिदिन बदहाली, लापरवाही जैसी अनियमितताओं से भरी पड़ी रहती है। 11 सितंबर दोपहर एक बजे यहां आलम यह था कि वृद्ध हों या महिला रोगी... सीने में दर्द लिए सुबह 9:30 बजे से अपनी बारी का इंतजार करते रहे। दोपहर 2 बजे इन्हें कहा गया कि अब कल आना। ओपीडी से सीनियर डॉक्टर्स नदारद थे।

इस दौरान दो कक्षों में केवल जूनियर डॉक्टर्स इलाज करते हुए देखे गए। उल्लेखनीय है, कलेक्टर और संभागायुक्त लोक स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर अक्सर औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को बेहतर करने की दिशा में नित निर्देश, आदेश देने के साथ सख्त रुख अख्तियार कर रहे हैं। इसके बावजूद यहां भौतिक रूप से नदारद और नोटिस बोर्ड पर चस्पा सोमवार को ओपीडी में सीनियर डॉ. योगेन्द्र जामरा, डॉ. अतुल शेण्डे, डॉ. वैभव यादव, डॉ. आशीष पटेल, डॉ. करुणा ठाकुर और डॉ. पूजा सौर ड्यूटी से दोपहर 1 बजे नदारद मिले, जबकि सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी का निर्धारित समय है।

स्टाफ अभद्रता पर उतारू, जूनियर भी मिन्नतों के बावजूद देखने को तैयार नहीं

मेडिसिन विभाग में सबसे अधिक ओपीडी रहती है। सोमवार को यहां 587 मरीज आए थे, जिनमें 474 नए पहली बार आए मरीज थे। मरीज अधिक होने से यहां मौजूद स्टाफ मरीजों से अभद्रता पर उतारू हो जाता है, वहीं जूनियर डॉक्टर्स भी दो बजे के बाद लाख मिन्नतें करने के बाद भी मरीज को देखने तैयार नहीं थे।

केस 1

35 किमी दूर सांवेर विधानसभा की मच्छु खेड़ी तहसील से आए 75 वर्षीय सीनियर सिटीजन याकूब बताते हैं कि सीने में दर्द है। सुबह 10:30 बजे आया था। 2 बजे के बाद भी नंबर नहीं आया। डॉक्टर ने कल आने का कहा है।

केस 2

जयश्री बाग कॉलोनी से आईं 55 वर्षीय श्रीकांता को सीने और पेट दर्द की शिकायत है। 1 सितंबर को पहली बार आई थीं। सोमवार को दूसरी बार आईं, लेकिन उनका भी नंबर नहीं आया।

...तो उसे उपचार दिया जाए

ऐसा होना नहीं चाहिए। मैं चेक कराऊंगा। सभी डॉक्टर्स को स्पष्ट निर्देश हैं कि ओपीडी का समय समाप्त होने के बाद भी यदि मरीज विभाग में मौजूद है तो उसे उपचार दिया जाए। -डॉ. संजय दीक्षित डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज