जिला प्रशासन ने 34 गांवों में जमीनों की खरीद-बिक्री पर लगी रोक हटाई

जिला प्रशासन ने 34 गांवों में जमीनों की खरीद-बिक्री पर लगी रोक हटाई

इंदौर। इंदौर जिले की पांच तहसीलों के 34 गांवों में जमीनों की खरीद बिक्री पर लगाई गई रोक को अब हटा दिया गया है। दरअसल यहां जमीन-खरीद बक्री के कारण जिला पंजीयन कार्यालय का राजस्व प्रभावित हो रहा था। स्टॉप शुल्क राजस्व जो सरकार को मिलना था, वह भी बंद हो चुका था। इन सब परेशानियों को देख जिला वरिष्ठ पंजीयक दीपक शर्मा ने कलेक्टर आशीष सिंह को पत्र लिखा, जिस पर कलेक्टर सिंह ने देपालपुर, हातोद एवं सांवेर के 34 गांव में रोक हटा दी है। इंदौर शहर के विकास और विस्तार के लिए 140 किमी की नई पश्चिमी रिंग रोड का निर्माण का नेशनल हाई-वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 2000 करोड़ रुपए की लागत से होगा। पहले चरण 64 किलोमीटर की सड़क निर्माण होगा।

जिसके लिए 29 दिसम्बर, 2023 को इंदौर जिले की पांच तहसीलों के 34 गांवों में जमीनों खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई थी, जिसके बाद यहां जमीन खरीद-बिक्री पूरी तरह रोक दी गई थी, लेकिन इस निर्णय के कारण 34 गांवों में जमीनों के क्रयविक्र य से मिलने वाला राजस्व प्रभावित हो रहा था, जिसके लिए जिला वरिष्ठ पंजीयक दीपक शर्मा ने कलेक्टर आशीष सिंह का पत्र लिखकर उक्त गांव में जमीन खरीद-बिक्री से रोक हटाने की मांग की थी। जिला वरिष्ठ पंजीयक दीपक शर्मा ने बताया कि एनएचएआई द्वारा हातोद, सांवेर और देपालपुर तहसील के 34 गांव आ रहे हैं, जहां जमीन की प्रकृति और श्रेणी में बदलाव पर रोक लगाई थी।

हातोद के गांव अरनिया, ऊषापुर, पलादी, मिर्जापुर, बड़ोदिया पंथ, सिकंदरी, अकसोदा, कराड़िया, पलासिया, नहर खेड़ा, जिंदा खेड़ा, बसांद्रा, जम्बूदी सरवर, अजनोटी और मांगलिया शामिल हैं, वहीं सांवेर के धतूरिया, बलोदा टाकुन, रतनखेड़ी, सोलसिंदा, कट्ठक्या, कढ़वा, ब्राह्मण पिपल्या, मुंडला हुसैन, जैतपुरा, पीरकराड़िया, बरलाई जागीर, सुकल्या काशीपुर शामिल हैं। देपालपुर के पंथ, अम्बापुरा, किशनपुरा, लालेंदीपुरा, रोलाई, बेटमाखुर्द व मोहना शामिल हैं। वरिष्ठ जिला पंजीकय शर्मा ने कहा कि प्रशासन की रोक अब उसी भूमि की खरीद पर रोक जारी रहेगी, जहां सड़क निर्णय होगा।

पूरे 64 किमी के प्रोजेक्ट में 39 गांव आएंगे

इंदौर के पश्चिमी हिस्से में पीथमपुर स्थित नेट्रैक्स से लेकर देवास के पास शिप्रा नदी तक बनेगा, वेस्टर्न रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इसके लिए कुल 5 तहसील धार, पीथमपुर, सांवेर, देपालपुर और हातोद के एसडीएम को सक्षम अधिकारी भू-अर्जन के रूप में नियुक्त किया है। पूरे 64 किमी के प्रोजेक्ट में 39 गांव आएंगे। इसमें से हातोद के 15 गांव, सांवेर के 12, देपालपुर के 7, धार के 3 और पीथमपुर के 2 गांव शामिल हैं। इंदौर जिले के अंतर्गत आने वाले तीन तहसील- हातोद, सांवेर और देपालपुर को लेकर अपर कलेक्टर सपना लौवंशी ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट को लिखते हुए निर्माण की जद में आने वाली भूमि खरीदी-बिक्री श्रेणी और प्रकृति परिवर्तन पर रोक लगाने के आदेश जारी थे।

40 किमी प्रस्तावित, 64 किमी की स्वीकृति 

140 किमी की प्रस्तावित सड़क में से 64 किमी के वेस्टर्न हिस्से की स्वीकृति मिल गई है। सड़क इंदौर और धार दोनों जिलों से होकर गुजरेगी। यह हाई-वे इंदौर-अहमदाबाद हाई-वे और इंदौर- उज्जैन रोड को क्रॉस करते हुए देवास के पास शिप्रा नदी के निकट आकर मिलेगी। इस सड़क में दो बड़े पुल व 30 छोटे पुल बनाए जाएंगे। तीन रेल ओवरब्रिज का निर्माण भी प्रस्तावित है। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए 2000 करोड़ रुपए में पश्चिमी हिस्सा बनाने के लिए दो पैकेज में टेंडर बुला लिए हैं। 64 किलोमीटर लंबी रोड का काम 32-32 किमी के पैकेज में होगा। इन हिस्सों के लिए क्रमश: 1000-1000 करोड़ रुपए के टेंडर मुख्यालय ने निर्माण कंपनियों से आमंत्रित किए हैं।