डिप्लोमा इंजी.: लेटरल एंट्री वाले छात्रों को छह महीने अतिरिक्त नहीं पढ़ना होगा

डिप्लोमा इंजी.: लेटरल एंट्री वाले छात्रों को छह महीने अतिरिक्त नहीं पढ़ना होगा

ग्वालियर। लेटरल एंट्री के जरिए डिप्लोमा इंजीनियरिंग में सीधे सेकंड ईयर (थर्ड सेम) में प्रवेश पाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है कि अब उन्हें एक सेमेस्टर (छह महीने) की अतिरिक्त पढ़ाई नहीं करेगा पड़ेगी। ऐसा होने पर डिप्लोमा ढाई के बजाए दो साल में ही पूरा हो जाएगा।

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि ने संबद्ध सरकारी और प्राइवेट पॉलीटेक्निक कॉलेजों में लेटरल एंट्री के जरिए अलग-अलग ब्रांचों में एडमिशन लेने वाले छात्रों को चार सेमेस्टर के अलावा एक सेमेस्टर अलग से अलग पढ़ना पड़ता था (हर ब्रांच के छात्रों को भिन्न-भिन्न विषय पढ़ना पड़ते थे), इसलिए डिप्लोमा ढाई साल में कम्पलीट होता था, मगर आरजीपीवी ने एक सेमेस्टर अलग से पढ़ने वाले सिस्टम को खत्म करते हुए थर्ड और फोर्थ सेम में दो-दो विषय जोड़ दिए हैं जो सभी ब्रांचों के छात्रों को पढ़ना होंगे। छात्रों को सभी विषय में पास होना होगा।

ऐसे मिलता है सीधे थर्ड सेम में प्रवेश

डॉ. बीआर पॉलीटेक्निक कॉलेज के शिक्षक अजय जैन ने बताया कि दो साल का आईआईटी सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले छात्र-छात्राओं को लेटरल एंट्री के जरिए डिप्लोमा इंजीनियरिंग में सीधे सेकंड ईयर यानि थर्ड सेम में प्रवेश मिल जाता है। डिप्लोमा तीन साल में कम्पलीट होता है मगर लेटरल एंट्री वाले छात्रों को अभी तक 2.5 साल की पढ़ाई करना होती थी, मगर अब 2 साल में ही डिप्लोमा पूरा हो जाएगा। डिप्लोमा उत्तीर्ण छात्र लेटरल एंट्री के जरिए बीई और बीफार्मा में सेकंड ईयर में प्रवेश लेते हैं।

ये चार विषय जोड़े हैं, सभी को पढ़ना होंगे

विवि ने थर्ड सेम में कम्युनिकेशन स्किल्स इन इंग्लिश, इंजी. मैथेमेटिक्स और फोर्थ में सेम में इंट्रोडक्शन टू आईटी सिस्टम, इंजी. फिजिक्स विषय जोड़े हैं। कम्युनिकेशन स्किल्स इन इंग्लिश व इंट्रोडक्शन टू आईटी सिस्टम विषय की परीक्षा 100 अंकों की होगी, जिसमें 60 अंक की प्रायोगिक व 40 अंक की आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा होगी। डॉ. बीआरए पॉलीटेक्निक कॉलेज में सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रोनिक्स, आईटी ब्रांच में और गर्ल्स पॉलीटेक्निक कॉलेज में इलेक्ट्रोनिक्स, आईटी, कम्प्यूटर साइंस, टेक्सटाइल ब्रांचों में लेटरल एंट्री लागू है।

आरजीपीवी ने लेटरल एंट्री वाले छात्रों की छह महीने की पढ़ाई खत्म करके सही किया है। डिप्लोमा दो साल में पूरा हो जाएगा। -डॉ. एए सिद्दीकी, प्राचार्य गवर्नमेंट गर्ल्स पॉलीटेक्निक कॉलेज