दर्शकों की रिकॉर्ड संख्या के बाद भी वनडे मैचों के भविष्य पर उठे सवाल

दर्शकों की रिकॉर्ड संख्या के बाद भी वनडे मैचों के भविष्य पर उठे सवाल

नई दिल्ली। विश्व कप विजेता कप्तान पैट कमिंस ने खुद स्वीकार किया है कि उन्हें फिर से 50 ओवर के क्रिकेट से प्यार हो गया है, लेकिन मौजूदा समय में एकदिवसीय प्रारूप की भविष्य में प्रासंगिकता को लेकर बहस जारी है। इसमें कोई शक नहीं कि भारत विश्व क्रिकेट की धड़कन है और 45 दिनों तक चले विश्व कप के अधिकांश मैचों के दौरान स्टेडियम खचाखच भरे रहे। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत ने अब तक के सबसे अधिक दर्शकों वाले वनडे विश्व कप का आयोजन किया है। भारत में हाल में संपन्न हुए वनडे विश्व कप के मैचों को 12 लाख 50 हजार दर्शकों ने स्टेडियम में जाकर देखा जो हर चार साल में होने वाली इस प्रतियोगिता का नया रिकॉर्ड है। दर्शकों का यह उत्साह हालांकि द्विपक्षीय श्रृंखला में शायद ही बरकरार रहे। खिलाड़ी और इस खेल को दिल से चाहने वाले टेस्ट क्रिकेट को पसंद करते हैं लेकिन टी20 प्रारूप से दर्शक ज्यादा प्रेरित और रोमांचित होते हैं।

इस प्रारूप का इस्तेमाल खेल को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। डिजिटल युग में एकाग्र होकर क्रिकेट देखने का दायरा पहले से कहीं कम हो गया है। इसके साथ ही सभी के पास एक वनडे मैच के लिए आठ घंटे बिताने का समय और उत्साह नहीं है। भारत में आईसीसी वनडे विश्व कप यह साबित करने में सफल रहा कि इस खेल की वैश्विक स्पर्धा को देखने के लिए लोग तैयार हैं लेकिन द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला को लेकर यह विश्वास नहीं जगता है। ऐसे में यह सवाल उठता है: क्या वनडे मैच केवल विश्व कप वर्ष में ही खेले जाने चाहिए? अगर नहीं, तो क्या अकरम और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों की सलाह पर प्रारूप में बदलाव किया जाना चाहिए।

पुरुष एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय में ’स्टॉप क्लॉक’ का इस्तेमाल करेगा आईसीसी

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को कहा कि पुरुष एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय में अगर गेंदबाज अगला ओवर फेंकने के लिए 60 सेकेंड से अधिक समय लेता है तो पारी में तीसरी बार ऐसा करने पर गेंदबाजी टीम पर पांच रन की पेनल्टी लगाई जाएगी। इस नियम का इस्तेमाल शुरुआत में ट्रायल के तौर पर होगा। आईसीसी के बोर्ड की यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया। आईसीसी ने बयान में कहा मुख्य कार्यकारियों की समिति इस बात पर सहमत हुई के पुरुष एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दिसंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक ट्रायल के आधार पर स्टॉप क्लॉक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस घड़ी का इस्तेमाल ओवरों के बीच में लगने वाले समय पर नजर रखने के लिए किया जाएगा। अगर गेंदबाजी टीम पिछला ओवर खत्म करने के 60 सेकेंड के भीतर अगला ओवर फेंकने के लिए तैयार नहीं होती है तो पारी में तीसरी बार ऐसा करने पर पांच रन की पेनल्टी लगाई जाएगी। आईसीसी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी से पिच को प्रतिबंधित करने की अपनी प्रक्रिया में भी बदलाव किया। आईसीसी ने कहा, पिच और आउटफील्ड निगरानी नियमों में बदलाव को भी मंजूरी दी गई जिसमें उन मानदंडों को सरल बनाना शामिल है जिनके आधार पर पिच का मूल्यांकन किया जाता है और आयोजन स्थल का अंतरराष्ट्रीय दर्जा हटाने के लिए अब पांच साल में डिमेरिट अंक जाएगा।