बदल गया ‘मस्जिद ए अयोध्या’ का डिजाइन और नाम, अरब देशों की तर्ज पर होगा निर्माण
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुस्लिम पक्ष को दी गई थी मस्जिद निर्माण के लिए जमीन, पैगंबर मोहम्मद के नाम पर होगा मस्जिद का नाम, हॉस्पिटल भी बनेगा
अयोध्या। अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिए आवंटित की गई थी। प्रस्तावित मस्जिद की डिजाइन अब बदल गई है। पहले डिजाइन सामान्य तौर पर भारत में बनने वाली मस्जिदों की तरह थी, लेकिन अब मस्जिद ट्रस्ट ने डिजाइन में बदलाव किया है। यह मस्जिद अरब देशों में बनने वाली भव्य मस्जिदों की तर्ज पर डिजाइन की जाएगी। मस्जिद निर्माण के लिए एक ट्रस्ट आईआईसीएफ बनाया गया है, जो मस्जिद निर्माण की जिम्मेदारी संभालेगा। इसके अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा कि मस्जिद के अलावा धन्नीपुर में कैंसर अस्पताल, गर्भवती महिलाओं के लिए अस्पताल, शिक्षण संस्थान, लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं के साथ-साथ भव्य मस्जिद का निर्माण कराया जाना है। मस्जिद का नाम आखिरी पैगंबर मोहम्मद के नाम पर रखा गया है। मस्जिद का पूरा नाम मोहम्मद बिन अब्दुल्ला होगा। पैगंबर मोहम्मद के पिता का नाम अब्दुल्ला था। बता दें, पहले इसे मस्जिद ए अयोध्या कहा जा रहा था।
एक साथ 9 हजार लोग अदा कर सकेंगे नमाज
मस्जिद निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवंटित 5 एकड़ जमीन के अलावा वक्फ को 6 एकड़ और जमीन की जरूरत है। इसके लिए वक्फ बोर्ड और भी जमीन अधिग्रहण करने की कोशिशों में जुटा है। 11 एकड़ जमीन के साथ मस्जिद का भव्य निर्माण किया जाएगा। मस्जिद में एक साथ नौ हजार लोग नमाज अदा कर सकेंगे। देश की सबसे आकर्षक और तमाम जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी। महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग वजू खाना बनाए जाएंगे।
भाजपा नेता ने मस्जिद निर्माण कार्य के लिए दी पहली ईंट
मुंबई में भाजपा नेता और महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष हाजी अराफात ने अपनी तरफ से मस्जिद निर्माण कार्य के लिए पहली ईंट दी। उन्होंने कहा कि मस्जिद निर्माण के लिए फंडिंग मुस्लिम समुदाय से इकट्ठा की जाएगी। अगले तीन से चार वर्षों में इसका निर्माण कार्य भी पूरा किया जाएगा। मस्जिद निर्माण बोर्ड में शामिल लोगों का कहना है कि सरकार से जो सहूलियत चाहिए, वो मिलेगी। वे सरकार से इसकी मांग भी करने वाले हैं।