सूने पड़े हॉकर जोन, जाने तैयार नहीं ठेले वाले सड़कों पर कब्जा, दुर्घटनाओं का खतरा

सूने पड़े हॉकर जोन, जाने तैयार नहीं ठेले वाले सड़कों पर कब्जा, दुर्घटनाओं का खतरा

जबलपुर। लगभग 10 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर शहर में अलग-अलग स्थलों पर बनाए गए हॉकर जोन वीरान पड़े हैं। यहां पर ठेले वाले और जमीन पर दुकानें लगाकर सब्जी या अन्य व्यापार करने वाले जिनमें मैकेनिक शामिल हैं जाने के लिए तैयार ही नहीं है। न तो जिम्मेदार सख्ती कर रहे हैं और न ही जाने वाले चेत रहे हैं,ऐसे में न सिर्फ यातायात अराजक हो रहा है बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बरकरार है।

हॉकर जोन बनवाने में नगर निगम ने विगत 10 सालों में काफी प्रयास किए हैं और करोड़ों रुपया इसमें खर्च भी किया है। मुख्यतय गुलौआ चौक,धनवंतरी नगर,गोरखपुर,सतपुला के लगने वाले जाम के चलते यहां पर निकट ही हॉकर जोन तो बना लिए गए मगर रोड किनारे सब्जी बेचने के आदि दुकानदारों ने बार-बार सख्ती बरतने के बाद भी दुकानें नहीं लीं,जबकि यहां उन्हें निर्धारित जगह मुफ्त में दी जा रही है।

64 जोन में विभाजित किया मगर बेअसर प्रयोग

नगर निगम ने शहर में 64 जोन चिन्हित किए थे जिसमें रेड, यलो और ग्रीन जोन शामिल थे। सर्वाधिक व्यस्त क्षेत्र को रेड जोन में लिया गया था जहां अभी भी सर्वाधिक समस्या है। इनमें 13 ग्रीन जोन थे जहां व्यापार किया जा सकता है। 05 यलो जोन हैं जहां व्यवसाय नहीं किया जा सकता और 22 रेड जोन चिन्हित किए गए थे जहां पर एक भी ठेला, टपरा नहीं लगाया जा सकता न ही किसी भी तरह का व्यापार रोड किनारे किया जा सकता।

कहां क्या हैं हाल

कछपुरा हॉकर जोन- गुलौआ चौक में कछपुरा ओवर ब्रिज की नीचे दाई ओर 2 करोड़ रुपए से हॉकर जोन इसलिए बनवाया गया था ताकि गुलौआ चौक से रेलवे क्रासिंग और यहां से लेबर चौक पर रोड के एक तरफ लगने वाली ठेले टपरों और जमीन पर लगने वाले सब्जी विक्रेताओं को यहां पर सुविधाजनक स्थान मिले और भीड़ से बचा जाए। यहां पर अब स्थाई शेड भी लगाया जा रहा है मगर सब्जी वाले जाने को तैयार ही नहीं हैं,उनका कहना है कि यहां सब्जी लेने ग्राहक नहीं आते,सड़क किनारे अच्छा व्यापार हो जाता है।

गोरखपुर हॉकर जोन- गोरखपुर में छोटी लाइन चौराहे पर खास तौर पर मुख्य बाजार मार्ग और ग्वारीघाट मार्ग पर करीब 200 मीटर में सब्जी वालों का कब्जा स्थाई बन चुका है। यहां पर दुर्घटनाएं रोकने और सब्जी वालों को व्यवस्थित करने के लिए हाकर जोन बनाया गया मगर यहां पर भी कोई जाने तैयार नहीं है।

धनवंतरी नगर हॉकर जोन- इसे 2012 मे तैयार किया गया था। यहां पर विभिन्न छोटे व्यवसाय चौराहे पर रोड किनारे टपरों,ठेलों व जमीन पर बैठकर किए जाते हैं। सर्वसुविधायुक्त होने के बावजूद हॉकर जोन में जाकर दुकान लगाने कोई तैयार नही है।

सतपुला हॉकर जोन- यहां पर भी यातायात की समस्या विकट है। लगातार जाम से जूझना वाहन चालकों की मुसीबत है। सभी रक्षा संस्थानों के कर्मचारी शाम को जब काम से छूटते हैं या सुबह काम पर जाते हैं तो उन्हें इस जाम से जूझना पड़ता है। यातायात को सुविधाजनक बनाने यहां पर हॉकर जोन तो बना दिया गया मगर अब तक ये वीरान है।

हम लगातार प्रयास कर रहे हैं मगर सब्जी वाले मानने तैयार नहीं हो रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया है। इसके लिए मंथन चल रहा है। -दिनेश प्रताप सिंह, बाजार अधीक्षक, ननि