बेटियां भी कर रही पूर्वजों का तर्पण, कोरोना काल के बाद से शुरू हुआ सिलसिला

बेटियां भी कर रही पूर्वजों का तर्पण, कोरोना काल के बाद से शुरू हुआ सिलसिला

जबलपुर। कोरोना काल में कई परिवार के लोगों ने अपनों को खोया। इसमें कई परिवार ऐसे भी थे, जिसमें अकेली संतान बेटियां ही थी। हालात ऐसे थे कि बेटियों को ही अपने परिजन का अंतिम संस्कार करना पड़ा और उनका तर्पण भी किया गया। इसके बाद से अब पुरखो में बेटियां भी अपने पूर्वजों का तर्पण करने के लिए पानी दे रही है। ऐसी कई बेटियां है, जो अपने पिता और पूर्वजों को पानी देंगी। इसके लिए वह पंडितों से मार्गदर्शन भी ले रही है। यह सिलसिला इस बार से और तेज हो गया है।

ग्वारीघाट में तर्पण कराने वाले तलवार वाले पंडा ने बताया कि इस साल कई युवतियों ने संपर्क किया। जिन्होंने बताया कि उन्होंने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया था और अब वह उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें विधि बताई गई और पूर्वजों को पानी कैसे दिया जाता है यह भी बताया। हालांकि इसमें बेटे और बेटियों के लिए कुछ नियम अलग होते है। इसमें तिथि पर तर्पण या पितृ अमावस्या के दिन विधि विधान से पूजन भी किया जा सकता है, जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।

इन युवतियों ने भी ली जानकारी

तलवार वाले पंडा के मुताबिक इसमें ऐसी कई युवतियां हैं, जो शहर के बाहर नौकरी करती हैं, उन्होंने भी उनसे संपर्क किया है और विधि जानी है। इसके लिए उनको जानकारी दी गई है, पूर्वजों के तर्पण के लिए जो आसान विधि है, उसके माध्यम से उनको तर्पण करने को कहा है। ताकि वह दूसरे शहरों में रहकर भी बिना परेशानी के अपने पूर्वजों का तर्पण कर सकें।

जो अपने माता पिता की अकेली संतान है, उन बेटियों ने पूर्वजों के तर्पण के लिए संपर्क किया है। जिन्हें तर्पण की विधि बताई गई है। गुड्डा महाराज, तलवार वाले पंडा ग्वारीघाट