छात्रावास में रहने वाली बहू नहीं चाहिए, काम नहीं करना चाहती

छात्रावास में रहने वाली बहू नहीं चाहिए, काम नहीं करना चाहती

जबलपुर। घरेलू विवाद लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन जब इन शिकायतों को देखे, तो ऐसी बातों पर विवाद हो रहा है जिसका विवाद से लेना देना ही नहीं है, यह मामले परिवार परामर्श केन्द्र पहुंच रहे है। इसमें सास का कहना है कि छात्रावास में रहकर पढ़ने वाली बहु नहीं चाहिए, क्योंकि उसे घर में काम करने की आदत नहीं होती, वहीं अधिकांश पति, पत्नी एक दूसरे को आत्महत्या की धमकी देते है। इसमें विवाद यहां तक बढ़ जाता है कि आत्महत्या के मामले भी इसमें बढ़ते जा रहे है। साल में हजारों मामले परिवार परामर्श केन्द्र पहुंच रहे है।

बताया जा रहा है कि परामर्श केन्द्र में सन् 2023 में 2 हजार 662 मामले आए है, इसमें 972 में समझौता हो गया है। 86 में अपराध दर्ज हुआ है। बाकि न्यायालय भेजे गए हैं और कुछ में विचार के लिए समय दिया गया है। जबकि 2022 में 2463 में शिकायत पहुंची थी।

मोबाइल में बात करती रहती है बहू, समय पर खाना नहीं देती

ज्यादातर मामलों में सास शिकायत करती है कि उसकी बहु मोबाइल में बात करने के कारण समय पर खाना नहीं देती है। इसके अलावा जब विवाद बढ़ता है, तो बहू और सास एक-दूसरे को आत्महत्या करने की धमकी देते हैं। बहु प्रताड़ित होकर अपने मायके चली जाती है, तो संदेह पर पति और सास परामर्श केन्द्र में शिकायत करने पहुंच जाते है। जब इसकी सूचना बहू को मिलती है, तो वह भी शिकायत कर देती है।

इससे अविश्वास पैदा हो रहा है। महिला जब शिकायत करती है तो वह अपनी सास और पति के अलावा अपने माता िपता के बारे में भी बोल रही है, जिसमें वह यह कहती है माता िपता ने बहुत जल्दी में शादी करा दी, जबकि उन लोगों ने लड़के के बारे में कुछ पता नहीं किया और अब इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ रहा है।

पारिवारिक कारणों से विवाद बढ़ रहे हैं, इसमें सभी एक दूसरे को आत्महत्या करने की धमकी देते हैं। इसके अलावा कई लोग बिना सोचे समझे आत्महत्या कर भी लेते हैं। इससे परिवार बिखर रहे हैं और एक दूसरे की बात समझने की कोशिश नहीं की जाती। परामर्श केन्द्र में आ रहे मामलो में सभी को काउंसलिग की जा रही है साथ ही उनको विचार करने का समय दिया जाता है। ताकि वह अपने पारिवारिक जीवन को बचा सके। अंशुमान शुक्ला, प्रधान परामर्शदाता कुटुम्ब न्यायालय