अस्पतालों में फिर बढ़ी मरीजों की भीड़, सर्दी का प्रकोप जारी, मेडिसिन विभाग में लग रही कतारें
ग्वालियर। शहर में पड़ रही हाड़कंपाने वाली सर्दी ने बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को परेशान कर रखा है, अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष सर्दी अधिक पड़ रही है, जनवरी का आधे से अधिक महीना निकल जाने के बाद भी शहरवासियों को इस कड़ाके की सर्दी से राहत नहीं मिली है। इसी के चलते शहर के अस्पतालों में इन दिनों सामान्य दिनों की तुलना में अधिक मरीज पहुंच रहे हैं और मंगलवार को शहर के दो सरकारी अस्पतालों में 4000 से अधिक मरीज उपचार लेने के लिए पहुंचे। सिविल अस्पताल को जोड़ लिया जाए तो यह संख्या 5000 के पार पहुंच जाएगी।
अस्पतालों में मरीजों की एक बार फिर से लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। अकेले हजार बिस्तर के अस्पताल में ओपीडी के समय 3140 मरीज पहुंचे और अधिकतर मरीज मेडिसिन विभाग में पहुंचे, यहां पर वार्ड तो पहले से ही फुल चल रहे हैं। इसके साथ ही अकेले इस विभाग में हर रोज 465 मरीज पहुंचे, अधिकतर मरीज सर्दी संबंधी बीमारियों से पीड़ित नजर आए। मेडिसिन के साथ ही चर्म रोग विभाग में 295 मरीज एवं आर्थोपेडिक विभाग में 261 मरीज पहुंचे यहां पर अधिकतर मरीज दर्द के पहुंचे और सर्दी में लोगों में हाथ-पैरों में दर्द की समस्या बढ़ गई है। वहीं सर्दी के चलते कार्डियोलॉजी विभाग में हर रोज हार्टअटैक के आठ से दस मरीज भर्ती हो रहे हैं।
डॉग बाइट के रिकार्ड 328 मरीज पहुंचे
सर्दी के सितम के बीच स्ट्रीट डॉग का प्रकोप कम होने की जगह और बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को जिला अस्पताल मुरार एवं जेएएच में 300 से अधिक स्ट्रीट डॉग का शिकार होकर पहुंचे। जेएएच के पीएसएम विभाग में 131 मरीज पहुंचे तो जेएएच से अधिक मरीज जिला अस्पताल मुरार में आए, यहां पर 197 मरीज डॉग बाइट का शिकार होकर पहुंचे। इन सभी मरीजों को एआरबी का इंजेक्शन लगाया गया है, कई मरीजों के तो गहरे घाव थे इन्हें सर्जरी के लिए रेफर किया।
बच्चों का रखें विशेष ध्यान, पिलाएं गुनगुना पानी
बुजुर्गों के साथ बच्चों पर सर्दी का असर ज्यादा हो रहा है, जिसकी वजह से कई बच्चों को सर्दी के साथ निमोनिया की भी शिकायत हो रही है। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों के मुताबिक मौसम में आमतौर पर बच्चों में सामान्य सर्दी, फ्लू , निमोनिया, ड्राई स्किन, स्किन इन्फेक्शन,विटर डायरिया आदि की समस्याएं आमतौर पर देखने को मिलती हैं। नवजात बच्चों में शरीर का तापमान घट सकता है और हाइपोथर्मिया की शिकायत हो सकती है, इसके अलावा घर में गर्मी के लिए अपनाए गए आर्टिफिशियल साधन जैसे हीटर या सिगड़ी आदि के ज्यादा उपयोग से तकलीफ हो सकती है। आमतौर पर सर्दियों में बच्चों को तीन लेयर में कपड़े पहनना चाहिए, भीतरी लेयर कॉटन के कपड़ों की रखें उसके बाद दो लेयर वूलन क्लॉथ की रखें। इसके साथ ही बच्चों में पानी की कमी नहीं होने दें।