करोड़ों खर्च फिर भी गंदगी का अंबार किसकी जेब में जा रहा सफाई ठेके का पैसा
जबलपुर। होली के दिन गुरूवार से लेकर सोमवार तक घर-घर से कचरा लेने वाले वाहन न आने से घरों में कचरे के ढेर जमा हो गए हैं। ऐसा लग रहा है कि नगर निगम का डोर टूडोर क चरा कलेक्शन करने वाली कंपनी से नियंत्रण पूरी तरह से खो चुका है। करीब आधे शहर में यह स्थिति छटवें दिन तक देखी गई है।
वहीं करीब साल भर से नगर निगम के कचरा कलेक्शन मात्रा में 150 टन तक की कमी आई है,जिस पर जिम्मेदारों ने गंभीरता नहीं बरती है। इसका मुख्य कारण हर घर से कचरा कलेक्शन करने वाले वाहनों का खराब होना है। वर्तमान में नगर निगम के 200 टिपर वाहनों में से आधे वाहन मेंटेनेंस न होने से खराब हैं। नगर निगम रोजाना 5 लाख रुपए डोर टू डोर कचरा कलेक्शन परखर्च कर रहा है मगर उसे और नागरिकों को हासिल के नाम पर अंगूठा ही आ रहा है।
गौरतलब है कि कचरा कलेक्शन के लिए हर घर तक पहुंच करने एस्सेल कंपनी ने 380 टिपर वाहन लगाए हैं। इसमें से 180 टिपर कंपनी के और 200 टिपर नगर निगम के हैं जो उसने कंपनी को किराए पर दिए हुए हैं। खराबी इन्हीं वाहनों में आई हैं जिन्हें एस्सेल कंपनी के द्वारा मेंटेनेंस न करवाए जाने से ये खराब स्थिति में हैं। इन बंद वाहनों के चालक-परिचालकों को कंपनी वाहन खराब होने पर वेतन भी नहीं देती। इस तरह इनका भी नुकसान होता है जबकि ये समय पर अपने काम पर प्रतिदिन पहुंचते हैं। इन वाहनों में छोटे-छोटे फाल्ट हैं मगर इनमें सुधार नहीं करवाया जा रहा। लोग जब फोन करते हैं कि वाहन नहीं आया तो जवाब मिलता है कि वाहन खराब है जब ठीक हो जाएगा तो आ जाएंगे।
नहीं आते वाहन
शहर के मानेगांव, डुमना मार्ग, कांचघर, बिलपुरा, करमेता, अमखेरा की कई कॉलोनियां और बस्तियों में प्रतिदिन कचरा कलेक्शन वाहन न पहुंचकर 4-5 दिन में एक बार जाता है। इसके अलावा शहर में भी ऐसे कई इलाके हैं जहां आल्टरनेट डे ही कचरा कलेक्शन होता है।
- 450 टन कचरा उठता था साल भर पहले तक
- 250 टन कचरा उठ रहा वर्तमान में
- 1470 रु. प्रतिटन होता है ननि द्वारा कंपनी को भुगतान
- 05 लाख 14 हजार 500 रु. प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान
- 1 करोड़,54लाख,35हजार रुपए हर महीने भुगतान
- 380 हैं कचरा कलेक्शन के लिए टिपर वाहन
- 21 रु. प्रति टन ननि को भुगतान करती है कंपनी
कचरा कलेक्शन के लिए 380 टिपर वाहन लगे हुए हैं। इनमें से जो वाहन खराब हैं या मामूली फाल्ट हैं उन्हें क्यों नहीं सुधरवाया जा रहा,इसकी जानकारी ले रहे हैं। कार्रवाई की जाएगी। -भूपेन्द्र सिंह,स्वास्थ्य अधिकारी,ननि
होली जलने के बाद से अभी तक कचरा लेने के लिए टिपर नहीं आए जिसके कारण घर में 5-6 दिन का कचरा जमा हो गया है। ऐसे में बीमारी फैलेंगी तो कौन जिम्मेदार होगा। -अमित सोनी, गढ़ा निवासी
नगर निगम का पूरी तरह से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कंपनी से नियंत्रण उठ चुका है,आए दिन शहर में यही स्थिति बन रही है। निगमायुक्त को संज्ञान लेना चाहिए। -पवन जायसवाल, बल्देवबाग निवासी
शहर में गिने चुने कचरा कलेक्शन वाहन चल रहे हैं और ज्यादातर खराब हैं इन्हें सुधरवाने के लिए नगर निगम कोई प्रयास नहीं कर रहा है,घर में जमा कचरे से बीमारी हो सकती हैं। -कौशल ठाकुर, गुलौआ चौक निवासी।