क्राइम ब्रांच व खाद्य विभाग ने मिलकर दबोचा 'बायो डीजल माफिया' को

क्राइम ब्रांच व खाद्य विभाग ने मिलकर दबोचा 'बायो डीजल माफिया' को

इंदौर। इंदौर शहर में विभिन्न नागरिक सुविधाओं, सेवाओं और अतिआवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जैसे सार्वजानिक क्षेत्रों में सक्रिय सफेदपोश माफियाओं की फेहरिस्त में मंगलवार को 'बायो डीजल माफिया' नामक शब्द भी आधिकारिक रूप जुड़ गया है। अपराध शाखा और खाद्य विभाग ने शहर के सीमावर्ती बाणगंगा थाना क्षेत्र के उभरते ग्राम जाख्या में छापामार कार्रवाई को अंजाम देने का दावा किया है। यहां से दल- बल को अवैध फैक्ट्री में बनता और भारी मात्रा में भंडारित 'बायो डीजल' मिला है। पुलिस ने मंगलवार को गोरखधंधे का खुलासा किया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार यहां कथित फैक्ट्री से लाखों रुपए कीमत का करीब 5 हजार 300 लीटर नकली बायोडीजल जब्त किया गया है।

क्राइम ब्रांच का सोर्स मुखबिर

गोरखधंधे की लीड या ये कहें गुप्त सूचना क्राइम ब्रांच की टीम को मिली थी। क्राइम ब्रांच इंदौर ने कार्रवाई से पहले खाद्य विभाग की टीम को भी साथ लिया। दोनों ने सूझबूझ से योजना बनाकर संयुक्त रूप से बताए स्थान पर दबिश दी। यहां मिली कथित फैक्ट्री में मिले संचालक और आरोपी की पहचान रिंकू उर्फ़ मदन मोहन तलवडिया निवासी सुखलिया गांव, इंदौर, दूसरे संभवत: श्रमिक और आरोपी की पहचान श्रीराम भील निवासी ग्राम देवली, जिला शाजापुर के रूप में सामने आई है। श्रीराम यहां इंदौर में अस्थाई रूप से गणेश धाम कॉलोनी में ही निवासरत है, जो कि बाणगंगा थाना क्षेत्र में ही स्थित है। शुरुआती पूछताछ में रिंकू ने स्वीकार किया कि फैक्ट्री में नकली बायोडीजल का निर्माण किया जाकर अलग-अलग स्थानों पर सप्लाई किया जा रहा था।

कहां और किसे, कैसे बेचते थे ?

मामले में पुलिस अब यहां पता लगाएगी कि आखिर नकली बायो डीजल आरोपी कहां और किसे और कैसे बेचते थे? उल्लेखनीय है इंदौर के पेट्रोल-डीजल विक्रेताओं का कारोबार इस तरह के अवैध कारोबारियों और पुलिस की भाषा में बायोडीजल माफिया की वजह से प्रभावित हो रहा था। उधर, जब्त नकली बायोडीजल को लेकर इससे होने वाले नुकसानों को लेकर खाद्य विभाग की प्रतिक्रिया फिलहाल सामने नहीं आई है।