देश की आठवीं और प्रदेश की पहली केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन
इंदौर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को जीपीओ चौराहे पर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) उप क्षेत्रीय कार्यालय और केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। यह देश की आठवीं और प्रदेश की पहली केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला है। उन्होंने वर्चुअल रूप से एम्स भोपाल में 5 आधुनिक सुविधाओं का भी लोकार्पण किया। जिन सुविधाओं का लोकार्पण किया गया, उनमें शामिल हैं- 2.7 करोड़ रुपए की लागत से बना डेक्सा स्कैन जिससे हड्डियों का घनत्व नापा जा सकेगा, 1.67 करोड़ रुपए की लागत से बना कोबाल्ट 5800 सिस्टम जिससे वायरल लोड को जांच सकेंगे, 2 करोड़ की लागत से बना ट्रॉमा और इमरजेंसी ऑपरेशन थियेटर कॉम्प्लेक्स, ड्रोन स्टेशन जिससे आदिवासी क्षेत्रों तक दवाइयां पहुंचाई जा सकेंगी, 2 करोड़ रुपए की लागत से बना प्राइवेट वार्डकॉम्प्लेक्स, जिसमें 16 कमरे हैं जिनके माध्यम से आम जनता तक सारी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकेंगी और 4 करोड़ की लागत से बना जिम कॉम्प्लेक्स।
एम्स में भी पांच प्रकल्पों का लोकार्पण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि आज एम्स में भी पांच प्रकल्पों का लोकार्पण किया गया। विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान हम खेतों में ड्रोन का उपयोग तो देख ही रहे हैं, लेकिन अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है। यह स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा परिवर्तन है। ड्रोन के माध्यम से हम न केवल दूरस्थ क्षेत्रों तक दवाइयां पहुंचा सकेंगे, बल्कि आपातकालीन स्थिति में रक्त पहुंचाना, ब्लड सैंपल लेना एवं ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन भी किया जा सकेगा। यह सब दर्शा रहा है कि मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि आज ही उज्जैन से प्रदेश के लिए 178 करोड़ रुपए की लागत के 174 अलग-अलग स्वास्थ्य सुविधाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ है। प्रदेश में स्वास्थ्य का क्षेत्र तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। जनकल्याण के लिए आने वाले समय में इस क्षेत्र में अन्य तरह की सुविधाएं एवं निवेश किए जाएंगे।
हर जिला अस्पताल में सीटी स्कैन से लेकर एमआरआई तक की सुविधा
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में फार्मास्युटिकल कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए प्रॉपर इकोसिस्टम का निर्माण सही शब्दों में आज हुआ है। यह प्रयोगशाला न केवल जनकल्याण के लिए लाभकारी है, बल्कि फार्मा कंपनियों की स्थापना में भी यह सहायक रहेगी। केंद्र सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन की अगुआई में हम स्वास्थ्य क्षेत्र में नई-नई उपलब्धियां प्राप्त कर रहे हैं। आज प्रदेश के हर जिला अस्पताल में सीटी स्कैन से लेकर एमआरआई तक की सुविधा उपलब्ध है। स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति आ रही है।
प्रिवेंटिव हेल्थ केयर सर्वे एक बड़ा अभियान
शुक्ल ने कहा प्रिवेंटिव हेल्थ केयर सर्वे एक बड़ा अभियान है। यह अभियान स्वस्थ समाज के लिए निर्माण में मददगार बनेगा। उन्होंने प्रिवेंटिव हेल्थ केयर अभियान को पूरे प्रदेश में विस्तारित करने की बात कहते हुए कहा कि इसे जनआंदोलन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपनत्व की भावना इंदौर की बड़ी विशेषता है। हर व्यक्ति के मन में अपना इंदौर होने का भाव है। इसी कारण इंदौर स्वच्छता में लगातार सात बार से अव्वल है। अब लगता है कि इंदौर स्वास्थ्य के क्षेत्र में अव्वल बनेगा।
इंदौर की तर्ज पर पूरे देश में होगा प्रिवेंटिव हेल्थ केयर सर्वे
मंडाविया और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल की उपस्थिति में हेल्थ ऑफ इंदौर द्वारा नागरिकों के कराए गए प्रिवेंटिव हेल्थ केयर सर्वे का प्रकाशन किया गया। इस सर्वे की रिपोर्ट सांसद शंकर लालवानी ने उक्त दोनों अतिथियों को सौंपी। मंडाविया ने कहा कि इंदौर ने स्वच्छता के साथ अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश को नई राह दिखाई है। हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान की तर्ज पर पूरे देश में प्रिवेंटिव हेल्थ केयर सर्वे करवाया जाएगा। यह सर्वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
फार्मा हब के रूप में विकसित हो रहा इंदौर-
मंडाविया ने कहा कि यह प्रयोगशाला देश की आठवीं और प्रदेश की पहली केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला है। उन्होंने कहा कि इस प्रयोगशाला के माध्यम से निर्मित की जा रही दवाइयों का मानक सुनिश्चित करने में आसानी होगी। अब मध्यप्रदेश की फार्मास्युटिकल कंपनियों को भारत सरकार के अप्रूवल के लिए दिल्ली नहीं आना पड़ेगा, बल्कि वे इंदौर से ही अपनी एप्लीकेशन जमा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इंदौर फार्मास्युटिकल हब के रूप में विकसित हो रहा है।