नेपाल, इंडोनेशिया, थाईलैंड जैसे देशों ने जारी किए थे श्रीराम पर डाक टिकट
जबलपुर। भगवान राम के चरित्र पर आधारित मानस पाठ जहां देश भर में अटूट श्रद्धा कायम किए है वहीं विदेशों में भी भगवान श्रीराम के प्रति अगाध प्रेम है, यही वजह है कि विदेशों में भगवान श्रीराम के डाक टिकट 8 दशक पहले ही जारी हो चुके हैं। ऐसे 11 देशों के डाक टिकटों का अनूठा संग्रह जबलपुर के शासकीय शिक्षक श्याम नारायण तिवारी के पास है। खास बात ये है कि उनके अनूठे संग्रह को देखने लोग उनके घर पहुंच रहे हैं। गौरतलब है कि इंडोनेशिया ने 15 जून 1965 को एशियाई खेल पर भगवान श्रीराम का डाक टिकट जारी किया था। वहीं कंबोडिया कुंभकरण पर राक्षस र्योद्धाओं का हमला। लाओस में भगवान श्रीराम-हनुमान का डाक टिकट। म्यांमार में भगवान श्रीराम सीता का चित्र। फिलीपींस नृत्य करता डाक टिकट।
थाईलैंड ने भी जारी किए
थाईलैंड द्वारा 1971 में इसने 2 टिकटों का एक सेट जारी किया जिसमें राम को मारीच का शिकार करते हुए दर्शाया गया था। थाईलैंड पोस्ट द्वारा 2005 में 4 डाक टिकटों का एक सेट जारी किया जिसमें राम को सीता, रावण, हनुमान और राम से रावण से लड़ते हुए दिखाया गया था।
ये टिकट हैं आकर्षण का केन्द्र
राम मंदिर को लेकर अलग-अलग तरह के अद्भुत संयोग सामने आ रहे हैं। श्री तिवारी के संग्रह में नेपाल के डाक टिकट वाले इत्तेफाक से हर कोई हैरान है कि टिकट जारी करने वाला विक्रम संवत और अंग्रेजी कैलेंडर का साल एक सा है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच, नेपाल में 57 साल पुराना श्रीराम- सीता का डाक टिकट सामने आया है। यह डाक टिकट 18 अप्रैल 1967 को रामनवमी पर जारी हुआ था। इस पर विक्रम संवत 2024 लिखा है, जो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कारण चर्चा में है। दरअसल, डाक टिकट पर विक्रम संवत के अनुसार साल 2024 का जिक्र है। विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे चलता है। इसी कारण साल 1967 में विक्रम संवत 2024 था और फिर इसी वजह से 1967 के डाक टिकट पर 2024 लिखा हुआ है।