सत्तापक्ष-विपक्ष के पार्षदों ने हंगामा कर दिया धरना, नेता प्रतिपक्ष ने लगाए नारे आसंदी है भ्रष्ट

सत्तापक्ष-विपक्ष के पार्षदों ने हंगामा कर दिया धरना, नेता प्रतिपक्ष ने लगाए नारे आसंदी है भ्रष्ट

ग्वालियर। अभियाचित बैठक में एमबीबीएस की जगह वेटनरी के डॉक्टर को प्रतिनियुक्ति देकर सीएचओ की जिम्मेदारी देने, मूल पद के विपरीत काम लेने व पीएचई कर्मचारियों को मूल विभाग में मांगने पर वापस न देने पर सत्तापक्ष-विपक्ष के पार्षद एकजुट होकर अड़े दिखे, जिसके चलते उन्होंने दो बार आसंदी घेरकर धरना दिया। वहीं स्थिति न सुधरने पर सभापति गिर्राज कंसाना ने तीसरी बार में 15 जनवरी तक परिषद को स्थगित कर दिया। लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने अपने दल के सभापति पर आरोप लगाते हुए सदन में नारे लगाए कि अब ये स्पष्ट है कि आसंदी भ्रष्ट है। जल विहार स्थित नगर निगम परिषद कार्यालय में दोपहर 3 बजे निगम अभियाचित बैठक शुरू हुई।

जिसमें पिछली परिषद में अधूरे छूटे एजेंडे के पहले बिंदु पर पुन: चर्चा में अपर्णा पाटिल ने कहा कि व्यवस्था को ठीक करें, तो सब ठीक हो जाएगा। क्योंकि लोकायुक्त- ईओडब्ल्यू में जांचें जारी रहने वाले अधिकारी उन्हीं पदों पर बैठे हुए हैं, जहां के कार्य क्षेत्र में जांच होना है, ऐसे में जांचें प्रभावित होंगी और तीन वर्षों से एक पद पर जमे अधिकारी क्यों जमे हैं। पार्षद ब्रजेश श्रीवास ने कहा कि पदेन व्यवस्था पर ही पूरी निगम टिकी हुई है। जबकि निगम व्यवस्था विधान के हिसाब से चलनी थी, लेकिन किताब के एक कागज के हिसाब से कुछ नहीं चल रहा है, इस किताब में जेडओ, सहायक नोडल पद नहीं है, फिर ये सेटअप में कहां से आ गए हैं। साथ ही कहा कि कर्मचारियों को ठेकेदारों से पैसा वसूली में लगा दिया गया है और चार कमिश्नर चले गए, लेकिन एक व्यक्ति नहीं गया है।

आसंदी भ्रष्ट के लगे नारे

जब सदन में सत्तापक्ष-विपक्षी पार्षद ब्रजेश श्रीवास्तव, पीपी शर्मा, नाथूराम ठेकेदार, सोनू त्रिपाठी, देवेन्द्र मंगल, मनोज राजपूत एकजुट होकर आसंदी के सामने धरने पर बैठे थे, तो रवि तोमर, अनिल सांखला आसंदी घेरे थे, तो इसी बीच नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने सदन में नारे लगाया कि अब ये स्पष्ट है कि आसंदी भ्रष्ट है।

जानवरों के डॉक्टर से ले रहे इंसानों की सेहत सुधारने का काम

निगम परिषद में नाराज पार्षद ब्रजेश गुप्ता ने कहा कि निगम में एबीबीएस पद की योग्यता रखने वाले पद पर जानवरों के डॉक्टर से काम लिया जा रहा है। जबकि निगम की वित्तीय स्थिति खराब है, तो इन्हें वापस क्यों नहीं भेजा जा रहा है। यदि रखना है तो गौशाला में इलाज के लिए पहुंचा दें, लेकिन नहीं पहुंचाया जा रहा है।

परिषद में हंगामे के बाद निगमायुक्त ने बदले प्रभार

परिषद में पार्षदों द्वारा हंगामे के बाद प्रशासनिक व्यवस्था में बदलाव किया है। जिसमें जनसंपर्क शाखा का नोडल अधिकारी पवन शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं जेपी पारा को अधीक्षण यंत्री जलप्रदाय, आरके शुक्ला को कार्यपालन यंत्री जलप्रदायसी वर ग्वालियर पूर्व व ग्रामीण विधानसभा, संजीव गुप्ता कार्यपालन यंत्री जलप्रदायसी वर को ग्वालियर दक्षिण विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है।

पीएचई वालों को क्यों नहीं भेज रहे हैं वापस

निगम परिषद में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के निगम में पदस्थापना न होने के बाद भी काम लेने पर नाराज पार्षदों ने कहा कि जब उनका मूल विभाग वापस मांग रहा है, तो ऐसे लोगों को वापस क्यों नहीं भेजा जा रहा है। साथ ही नहीं भेजने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।