पुरुषों के लिए आया गर्भ निरोधक इंजेक्शन, मिली मंजूरी

एक इंजेक्शन से 13 साल तक टेंशन फ्री रह सकेंगे पुरुष, आईसीएमआर ने इंजेक्शन को दी हरी झंडी

पुरुषों के लिए आया गर्भ निरोधक इंजेक्शन, मिली मंजूरी

नई दिल्ली। बर्थ कंट्रोल पिल्स, कॉपर-टी, इंप्लान्ट्स आदि की मदद से महिलाओं में अनचाही प्रेग्नेंसी से बचाव किया जाता है। लेकिन भारत का पहला पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन रिसग विकसित हो गया है। आइए जानते हैं क्या है रिसग और यह कितना प्रभावी है और किस तरह यह पुरुषों में काम करता है।भारत की पहली पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन रिसग (रिसग) को इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मंजूरी दे दी है। इस पर आईसीएमआर पिछले सात सालों से रिसर्च कर रहा था और आखिर में यह पाया गया कि रिसग गर्भनिरोध के लिए कारगर है और यह बिल्कुल सुरक्षित भी है। गर्भनिरोधक की खोज आईआईटी खड़गपुर के डॉ. सुजॉय कुमार गुहा ने की है।

303 शादीशुदा और स्वस्थ पुरुषों पर किया गया रिसर्च

फैमिली क्लीनिक्स की मदद से 24-40 वर्ष के 303 शादीशुदा और स्वस्थ पुरुषों को चुना गया। इन पुरुषों को 60 मिलीग्राम रिसग का इंजेक्शन लगाया गया। स्टडी से पता चला कि गर्भनिरोधक की मदद से प्रेग्नेंसी को 99.02% रोका जा सका और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हुए। इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि गर्भनिरोधक रिसग से 97.3% एजोस्पर्मिया हासिल किया गया। एजोस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें सीमन में कोई शुक्राणु नहीं पाए जाते।

रिसर्च के दौरान पत्नियों को भी रखा निगरानी में

इस रीसर्च के दौरान उन पुरुषों की पत्नियों को भी निगरानी में रखा गया और पाया गया कि इनकी सेहत पर भी कोई नकरात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। यह गर्भनिरोधक 13 साल तक कारगर है। बता दें, दोनों टेस्टिकल में एक-एक स्पर्म डक्ट होता है, जिसके जरिए पीनिस तक स्पर्म आता है। दोनों स्पर्म डक्ट्स में बारी- बारी से रिसग का इंजेक्शन लगाया जाता है। इसके बाद पॉजिटीव चार्ज वाले स्पर्म डक्ट की दीवारों पर चिपक जाते हैं और नेगेटिव चार्ज वाले स्पर्म नष्ट हो जाते हैं।