कांग्रेस के जीतू पटवारी बजट सत्र के लिए निलंबित, सदन में हंगामा
भोपाल। विधानसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन भारी हंगामे के बीच अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। वहीं कांग्रेस ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या और तानाशाही बताते हुए अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान पटवारी ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पटवारी को निलंबित करने का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि उन्होंने दूसरी बार सदन को गुमराह किया। हंगामे के चलते 3 बार कार्रवाई स्थगित हुई। अध्यक्ष के निर्देश पर पटवारी ने आरोपों के पक्ष में साक्ष्य पटल पर भी रखे, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें आधारहीन पाया। इसके बाद अध्यक्ष ने ध्वनिमत से पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव पारित कर दिया। इससे पहले अभिभाषण पर चर्चा के दौरान पटवारी ने सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य भड़क उठे, लेकिन पटवारी नहीं रुके। उन्होंने प्रदेश में घटते दुग्ध उत्पादन के मुद्दे पर भी नेताओं पर तंज भरी टिप्पणी कर दी। इससे सदन में फिर हंगामा बढ़ गया।
इन्होंने किया बचाव
कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, बाला बच्चन, सज्जन वर्मा, विजय लक्ष्मी साधौ, कुनाल चौधरी ने जीतू का बचाव देते हुए तर्क दिया कि उन्होंने उन बातों का जिक्र किया है, जो सरकार ने सदन में सवालों के जवाब में जानकारी दी है।
इन पर भी गिरी थी गाज
मप्र विधानसभा में करीब दो दशक पहले कल्पना परुलेकर, आरिफ अकील और चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी पर भी निलंबन की कार्रवाई हुई थी, लेकिन 2003 से भाजपा के सत्ता में आने के बाद किसी सदस्य पर निलंबन की यह पहली कार्रवाई है।
यह सिर्फ निलंबन नहीं, बल्कि सच का गला घोंटना है : कमलनाथ
विधायक जीतू पटवारी को निलंबित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस श्ुाक्रवार को सदन में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। पूर्व सीएम कमलनाथ ने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह सिर्फ एक विधायक के निलंबन की बात नहीं, बल्कि सच का गला घोंटना है। उन्होंंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पार्टी के सदस्य बनकर निलंबन का काम कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि गलती सरकार की है और माफी जीतू पटवारी से मांगने को कहा गया है, यह कहां का न्याय है? उन्होंने कहा कि भाजपा में कई दावेदार हैं इसलिए विधानसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की जा रही। जीतू पटवारी ने कहा कि जिस तरह अध्यक्ष ने निर्णय लिया, यह मप्र के लिए काला दिन है।