इंदौर की 3 सीटों पर माथापच्ची

इंदौर की 3 सीटों पर माथापच्ची

इंदौर। कांग्रेस द्वारा अपनी पहली सूची जारी करने के बाद मध्यप्रदेश पूरी तरह से चुनावी अखाड़े में बदल चुका है। इंदौर जिले की भी 9 में से 6 सीटों पर दोनों पार्टियों के उम्मीदवार घोषित होने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं, लेकिन 3 सीटों पर अभी भी दोनों ही पार्टियों का पेंच फंसा हुआ लग रहा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही इंदौर 1, इंदौर 2, इंदौर 4 तथा इंदौर ग्रामीण की देपालपुर, राऊ और सांवेर सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन इंदौर 3, इंदौर 5 और महू सीट पर टिकट की उठापटक जारी है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों ही पार्टियां अपनी अगली सूची में कुछ नए प्रयोग कर सकती हैं।

इंदौर-3 में नए चेहरे पर भाजपा लगा सकती है दांव

इंदौर की 3 सीटों पर अभी भी दोनों ही पार्टियों का पेंच फंसा हुआ है ।इंदौर 3 में आकाश विजयवर्गीय का टिकट कटना है, यह माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा किसी नए चेहरे पर भरोसा जता सकती है, वहीं कांग्रेस भी इसे एक मौके के रूप में देख रही है, लेकिन चेहरा फाइनल करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा सूत्रों की माने तो इस बार नंबर 3 में उषा ठाकुर की वापसी हो सकती है। दूसरी ओर कांग्रेस में भी टिकट को लेकर उठापटक जारी है। पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे दीपक जोशी तथा उनके ही भाई और पूर्व विधायक अश्विन जोशी इस सीट से दावेदारी कर रहे हैं, वहीं पूर्व शहर अध्यक्ष अरविन्द बागड़ी भी इस सीट पर टिकट की दौड़ में शामिल हैं।

इंदौर-5 ने बढ़ाई भाजपा और कांग्रेस दोनों की चिंता

इंदौर की विधानसभा 5 दोनों ही पार्टियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। भाजपा का गढ़ कही जाने वाली इंदौर की यह सीट इस बार गले की फांस की तरह चुभ रही है। पिछले चुनावों में भाजपा के महेंद्र हार्डिया मात्र 1000 वोटों के अंतर से चुनाव जीत पाए थे, लेकिन भाजपा इस बार कोई भी जोखिम उठाने के मूड में नजर नहीं आ रही है। अगर भाजपा की ओर से विधायक हार्डिया का टिकट कटता है तो भाजपा नया प्रयोग करते हुए शहर अध्यक्ष गौरव रणदीवे को मौका दे सकती है। साथ ही नानूराम कुमावत भी इस सीट से दावेदारी कर रहे हैं। इंदौर 5 में दोनों पार्टियों का हाल लगभग एक जैसा है। एक तरफ जहां भाजपा पशोपेश की स्थिति में है तो वहीं कांग्रेस भी कोई एक नाम चुन नहीं पा रही है।

जीतू जिराती की वापसी संभव

पूर्व विधायक और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती लंबे समय से चुनावी राजनीति से दूर हैं। 2013 में कांग्रेस नेता जीतू पटवारी से चुनाव हारने के बाद से ही जिराती चुनावी राजनीति से दूर हैं, वहीं उनकी पुरानी सीट राऊ में भाजपा लगातार दो बार से इंदौर से आए मधु वर्मा पर भरोसा जता रही है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार जीतू जिराती को महू क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। राऊ विधानसभा सीट महू से लगी हुई सीट है तथा वहां से भाजपा अब तक अपना उम्मीदवार नहीं चुन पाई है। महू विधानसभा से मंत्री उषा ठाकुर मौजूदा विधायक है, लेकिन उनकी दोबारा महू से लड़ने की संभावनाएं काफी कम नजर आ रही है। ऐसे में भाजपा इस बार नया प्रयोग करते हुए जीतू जिराती को महू से मौका दे सकती है।