सेप्टिक टैंक की ठडउदेने पर ही मिलेगा मकान का पूर्णता प्रमाण पत्र
भोपाल। जबलपुर, ग्वालियर और भोपाल में सीवेज लाइन और चैंबर की मैनुअल सफाई करते समय सफाई कर्मियों की मौत के बाद सरकार ने मल - जल प्रबंधन नीति ड्राफ्ट 2023 जारी की है। इसमें अब सफाईकर्मी सीवरेज लाइन और चैंबर, सेप्टिक टैंक की सफाई मैनुअल नहीं करेंगे। ये काम मशीन (मैन होल टू मशीन होल) के जरिए होगा। इसे रोकने के लिए राज्य स्तर, जिला स्तर और निकाय पर समिति गठित की जाएगी। मशीनें खरीदने के लिए निकायों अथवा सफाई एजेंसी को कम ब्याज दर पर सरकार राशि उपलब्ध कराई जाएगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इस पॉलिसी को ऑनलाइन करते हुए लोगों से सुझाव भी बुलाए हैं। गौरतलब है कि हाल ही में जबलपुर नगर निगम में एक और ग्वालियर में दो सफाईकर्मी की चेंबर में डूबने से मौत हो गई है। नीति के अनुसार मल, मूत्र और फ्लश का पानी अगर खुले नाली, नदी, नाले अथवा खुले में छोड़ जाएगा, तो उस पर अब जुर्माना लगेगा। इसकी वसूली नगरीय निकाय करेंगे।
बनेगा शिकायत सेंटर
निकाय स्तर पर एक शिकायत सेंटर बनाया जाएगा, जिसे हेल्प लाइन 14420 से जोड़ा जाएगा। इसमें सीवेज लाइन, सेप्टिक टैंक सहित अन्य सीवरेज समस्याओं का सुना जाएगा। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी इसकी निगरानी और मॉनीटरिंग करेगी। निकाय स्तर पर आपातकालीन स्वच्छता प्रक्रिया इकाई का गठन किया जाएगा, जो सीवरेज की सफाई के लिए 24 घंटे तैयार रहेगी।
तीन स्तर पर बनेगी समिति
सफाई के लिए तीन स्तर पर समिति बनाई जाएगी, जो राज्य स्तर, जिला और निकाय स्तर पर होगी। राज्य स्तर की समिति में टीएनसीपी, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोड, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, अर्बन डेवलपमेंट कंपनी, उद्योग, कृषि एवं बागवानी विभाग होंगे। इसकी बैठक हर 6 माह में एक बार होगी, जबकि जिला स्तर की समिति में तीन माह में होगी और निकाय स्तरीय समिति की बैठक हर 15 दिनों में होगी।
स्व-सहायता समूहों को शामिल कर दिए जाएंगे लाइसेंस
नीति के अनुसार, सीवरेज नालियों, चेंबर और टैंक की सफाई का काम में स्व-सहायता समूहों को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए उन्हें लाइसेंस दिए जाएंगे। मल-चीचड़ का परिवहन करने वाले वाहनों का भी निकायों में रजिस्ट्रेशन होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के इस काम में लगे वाहनों को रोकने का काम भी निकाय करेंगे। मल-कीचड़ को खुले में रखने पर संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सर्टिफिकेट देने पर मिलेगी मकान की एनओसी
♦ मकान मालिक को मकान पूर्णता प्रमाण पत्र लेने के लिए सेप्टिक टैंक की एनओसी लेना होगा।
♦ मकान मालिक को सेप्टिक टैंक मानकों के अनुसार बनाना होगा।
♦ टैंक की सफाई हर दो-तीन वर्ष में मकान मालिक को करानी होगी।
♦ नगरीय निकाय भी दो-तीन वर्ष में सफाई का प्लान बना रहा है।
♦ नगरीय निकाय सफाई करेगा, तो मकान मालिकों से शुल्क लेगा।
♦ सफाई से प्राप्त राशि का इस्तेमाल मल जल प्रबंधन और तंत्र को विकसित करने में किया जाएगा।