महापौर महिला हेल्पलाइन की शिकायतें 24 घंटे में निपटाई जा रहीं, अन्य को तवज्जो नहीं

सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें बिना निराकरण ही बंद कर रहा नगर निगम

महापौर महिला हेल्पलाइन की शिकायतें 24 घंटे में निपटाई जा रहीं, अन्य को तवज्जो नहीं

भोपाल। नगर निगम में आम लोगों की शिकायतें दर्ज करने के लिए महापौर महिला हेल्पलाइन के अलावा दो और हेल्पलाइन- सीएम हेल्पलाइन और कॉल सेंटर हैं। महापौर महिला हेल्पलाइन महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई के लिए शुरू की गई है। महिला हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों का निराकरण 24 घंटे में किया जा रहा है। अब तक इस हेल्पलाइन पर आने वाली करीब 71 फीसदी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है, क्योंकि हर हμते मंगलवार को महापौर मालती राय खुद इसकी समीक्षा करती हैं। इधर, कॉल सेंटर से आने वाली शिकायतों को तवज्जो नहीं दी जाती। वहीं सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को बिना निराकरण बंद किया जा रहा है। नगर निगम में सीएम हेल्पलाइन के प्रभारी संजय सोनी का कहना है कि वार्ड और जोन से मिलने वाले प्रतिवेदन पर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को बंद किया जाता है। इससे पूर्व शिकायतकर्ता से पूछा जाता है कि वह शिकायत के निराकरण से संतुष्ट है या नहीं। यदि शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं होता है, तो शिकायत को अगले लेवल पर भेज दिया जाता है।

इन उदाहरणों से समझिए कैसे शिकायतें बंद की जा रहीं

1. सोशल एक्टिविस्ट सतीश नायक ने बताया कि कुछ महीने पहले उन्होंने इकबाल कॉलोनी में लीज की जमीन पर नियम विरुद्ध मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की थी। शिकायत बिल्डिंग निगम की परमिशन सेल पहुंची। अधिकारियों ने यह कहते हुए शिकायत बंद कर दी कि मौका मुआयना में वहां जी प्लस थ्री भवन निर्माण होता पाया गया। भवन स्वामी को निर्माण हटाने का नोटिस दिया है। दस्तावेज आने बाकी हैं। इधर, वर्तमान में वहां पर मल्टी बनी हुई है।

2. सोशल एक्टिविस्ट उमाशंकर तिवारी ने बताया कि कुछ माह पहले उन्होंने अरविंद विहार पेट्रोल पंप, माउंट कार्मल स्कूल, यूको बैंक, आॅनडोर से रामेश्वर चौराहे तक अधूरी सड़क के संबंध में शिकायत सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई थी। इस शिकायत को निगम अधिकारियों ने सुझाव बताते हुए बंद कर दिया। हालांकि बाद में इस सड़क का निर्माण कराया गया।

3. पीपल चौराहा, करोंद निवासी सुबोध जैन ने बताया कि उनके मकान के बगल में खाली प्लॉट में गंदगी की शिकायत उन्होंने 13 जून को दोपहर 12 बजे दर्ज कराई थी। शिकायत करने के महज आठ घंटे बाद उन्हें एसएमएस मिला कि समस्या का निराकरण कर शिकायत बंद कर दी गई है। जबकि प्लॉट की सफाई नहीं की गई थी।