कॉलेजों में रैगिंग रोकने के लिए समिति विद्यार्थियों से करेगी चर्चा
इंदौर। रैगिंग की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए इस बार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने नई गाइडलाइन जारी दी है। इसके चलते सभी कॉलेजों में एंटी रैगिंग स्क्वॉड समिति का गठन किया गया है। इसके सदस्य कॉलेज में सीनियर और जूनियर विद्यार्थियों से अलग-अलग संवाद करेंगे, साथ ही कॉलेज में चलने वाली विद्यार्थियों की हर गतिविधि पर नजर रखेगी। इससे रैगिंग से जुड़ी गतिविधियों का आसानी से पता चल सके। रैगिंग समिति के सदस्य एक रिपोर्ट तैयार कर कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी को सौंपेगी। साथ ही हर महीने कॉलेजों में इसको लेकर बैठक भी होगी। वहीं, इसकी रिपोर्ट तैयार कर विवि को सौंप जाएगी। विवि से संबद्ध 270 कॉलेजों को एंटी रैगिंग स्क्वॉडएंटी रैगिंग कमेटी बनाना है, जिसकी रिपोर्ट विवि के छात्र कल्याण संघ को भेजनी होगी। इसका पालन नहीं करने वाले कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
तीन से पांच सदस्य रहेंगे
इसमें तीन से पांच सदस्य रहेंगे। प्रथम से लेकर फाइनल ईयर के विद्यार्थी के साथ प्राध्यापक भी इसमें शामिल होंगे। ये सदस्य कॉलेज में चलने वाली विद्यार्थियों की गतिविधि पर नजर रखेंगे, साथ ही इसकी जानकारी स्क्वॉड को देंगे। समिति अपनी रिपोर्ट तैयार कर विवि को भेजेगी।
सेमिनार के माध्यम से बताएंगे इसके दुष्परिणाम
सत्र शुरू होने के साथ ही इसको रोकने के लिए सेमिनार होंगे। इसके दुष्परिणाम, सजा और कार्रवाई के बारे में अवगत कराया जाएगा। सभी कॉलेजों को सेमिनार अनिवार्य रूप आयोजित करना है। साथ ही समिति के सदस्यों के नाम नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने होंगे।
इनका कहना है....
शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना भी रैगिंग की श्रेणी में शामिल है। विद्यार्थी कई बार शिकायत करने से डराते हैं। इसको रोकने के लिए स्क्वॉड के सदस्य विद्यार्थियों से संवाद करेंगे एवं कॉलेज में रैगिंग की घटनाओं पर नजर रखेंगे, जिसकी रिपोर्ट हर महीने समिति को सौंपेगी। -डॉ. एलके त्रिपाठी, अध्यक्ष, छात्र कल्याण संघ, डीएवीवी