48 घंटे के लिए बादलों का डेरा हल्की बूंदा-बांदी के बने आसार
जबलपुर। 5 मार्च को सुबह से हुए अचानक मौसम परिवर्तन के बाद सुबह कुछ स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार मौसम का यह हाल 48 घंटे तक बने रहने की संभावना है। हालांकि पश्चिमी मप्र में पश्चिमी विक्षोभ का असर रहा। यही कारण है कि भोपाल सहित कई जिलों में तेज बारिश भी हुई।
गौरतलब है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से आसमान पर घने बादलों ने डेरा जमा लिया। रविवार को सुबह शहर के कुछ स्थानों पर बूंदों के रूप में पानी गिरा। मौसम विदों की मानें तो अगले 2 दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा, सूबे में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। बादलों के असर से रात के पारे में तेज उछाल आया है। शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश हुई। गुना और अशोकनगर में सुबह तेज बारिश हुई। नर्मदापुरम, खंडवा में भी पानी गिरा। आगर जिले में ओले गिरे। शाम को रतलाम, उज्जैन, राजगढ़, भोपाल, शाजापुर, धार, रायसेन समेत कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। धार में बिजली गिरने से महिला की मौत हो गई। ग्वालियर में तेज आंधी चली। बारिश और आंधी की वजह से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बिछ गई।
यहां दर्ज हुई बूंदाबांदी
मौसम विभाग ने बताया कि जबलपुर के अलावा कटनी से लगे क्षेत्र और नरसिंहपुर में भी सुबह बूंदाबांदी हुई है। सुबह शहर का न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक 18.1 डिग्री सेल्सियस मापा गया।
स्थानीय मौसम वेधशाला से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के चलते आसमान पर बादलों ने डेरा जमा लिया है। बीती रात प्रदेश के कुछ स्थानों में हल्की बारिश भी हुई। कल शाम शहर का अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस मापा गया जो सामान्य से 3 डिग्री अधिक रहा। गत वर्ष आज ही के दिन शहर का अधिकतम तापमान 29.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17.0 डिग्री सेल्सियस मापा गया था।
फसलों पर ये होगा असर
जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. संजय सिंह ये मौसम रबी की फसल के लिए बहुत हानिकारक है यदि इस समय पानी गिरता फसलें बुरी तरह से क्षति ग्रस्त होगी। इनमें मुख्यत: फसलें गेंहू, चना, मटर, मसूर जो कि समय से पहले ही यानि करीब 15 दिन पहले पक चुकी है इनके उत्पादन से दो से चार क्विंटल प्रति एकड़ की गिरावट होगी। साथ ही साइज पर भी कम हुआ है इससे इनका बाजार मूल्य भी घटेगा, जिससे किसानों को नुकसान होगा।
क्या है पश्चिमी विक्षोभ
जबलपुर मौसम कार्यालय के वैज्ञानिक बीजू जॉन जैकब ने बताया कि पूर्वोत्तर में बर्फबारी और बारिश के बाद कहीं- कहीं बादलों का लो प्रेशर बनता है। इसे पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं। पश्चिमी विक्षोभ के कारण आसमान पर बादल छाना या कहीं-कहीं हल्की बारिश होती है। वहीं हिमालय में बर्फ पिघलने के बाद भी पश्चिमी विक्षोभ होता है, इससे तापमान में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है।