हिमाचल में बादल फटने और भूस्खलन से 52 लोगों की मौत, कई लोग अब भी लापता
शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से तबाही का दौर जारी है। राज्य में कई जगह बादल फटने व भूस्खलन से अब तक 52 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लापता बताए जा रहे हैं। राज्य के आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि आपदा के कारण 752 सड़कें बंद हो गई हैं। वहीं, प्रसिद्ध कालका-शिमला रेल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। राज्य में हालात के मद्देनजर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक आपात बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित होने वाले समारोह केवल सेरेमोनियल होंगे। राजभवन में होने वाला 15 अगस्त का कार्यक्रम भी निरस्त कर दिया गया है।
भारी बारिश का रेड अलर्ट :
राज्य के मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के लिए बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। सोमवार सुबह जारी मौसम बुलेटिन में आॅरेंज अलर्ट था, जिसे दोपहर बाद इसे रेड कर दिया। वहीं, 15 अगस्त के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में 20 अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने की आशंका है। इससे लगता है कि लोगों को जल्द राहत नहीं मिल सकेगी।
शिव मंदिर ढहा :
शिमला के समरहिल इलाके में भूस्खलन की चपेट में आने से एक शिव मंदिर ढह गया था और यहां अनेक लोग मलबे में दब गए। सोमवार के दिन मंदिर में श्रद्धालुओं काफी भीड़ थी। वहीं, फागली क्षेत्र में भी भूस्खलन होने से वहां अनेक घर दलदली मलबे के चपेट में आ कर बह गए।
मलबे में 30 लोगों के फंसे होने की आशंका :
हिमाचल में अलग-अलग स्थानों पर करीब 30 लोग दबने और बहने से लापता हैं। शिमला में भूस्खलन की दो और सोलन में बादल फटने की एक घटना हुई है। मंडी जिले में 18, शिमला में 14, सोलन में 11, कांगड़ा-हमीरपुर में 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 की जान गई है।
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर भारी वर्षा और भूस्खलन से हुई जनहानि अत्यंत दु:खद है। एनडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ राहत व बचाव कार्यों में लगी हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। - अमित शाह, गृहमंत्री
ब्यास नदी उफान पर
- मंडी-कांगड़ा में ब्यास नदी अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर बह रही है।
- 752 से ज्यादा सड़कों, 4697 बिजली ट्रांसफार्मर, 902 जलापूर्ति परियोजनाओं को नुकसान।
- जिले में बलोह पंचायत में बादल फटने से अनेक मकान क्षतिग्रस्त।
- बादल फटने से पहाड़ी का मलबा पालमपुर-सुजानपुर राजमार्ग पर आ गया है।
- शिमला के खलीनी में बायपास पर भूस्खलन होने तथा पेड़ गिरने से गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।
- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में ब्याड के निकट एक कार के पानी के तेज बहाव की चपेट में आने से इसमें सवार तीन लोग बह गए, जिनमें से दो को पुलिस टीम ने बचा लिया, लेकिन चालक बह गया।
- भूस्खलन और पेड़ गिरने से चंडीगढ़-मनाली पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच- 305) बिनौला समेत अनेक जगहों पर बंद।
- ऋषिकेश में लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ का मलबा एक रिसॉर्ट पर गिरा, जिसमें 5 लोगों के लापता होने की खबर है।
- उत्तराखंड के टिहरी जिले में ही शिवपुरी टनल में पानी भरने से यहां काम कर रहे 114 मजदूर और इंजीनियर फंस गए।
उत्तराखंड में बारिश ने तीन की जान ली, 10 लापता, नदियां उफान पर
देहरादून । उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश से अलग-अलग घटनाओं में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य लोग लापता हो गए। विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश और भूस्खलन के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़के बंद हो गई हैं और चारधाम यात्रा दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। लगातार बारिश के कारण गंगा सहित प्रदेश की छोटी- बड़ी नदियां उफान पर हैं और बाढ़ जैसे हालात के चलते नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिंचोली छानी शिविर में सोमवार तड़के भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने से उसके मलबे की चपेट में आकर एक नेपाली मजदूर की मौत हो गई तथा एक दुकानदार लापता हो गया।