हर साल होती है नालों की सफाई फिर भी होता है जलप्लावन
जबलपुर। शहर के 5 मुख्य बड़े नालों सहित सवा सौ उप नालों और हर क्षेत्र से जुड़े नाले व नालियों की सफाई तो हर साल बड़े पैमाने पर करवाई जाती है मगर इसके बावजूद भी बारिश का पहला झला इन्हें ओवर फ्लो कर देता है। आखिर ऐसा क्यों होता है? इस पर कभी भी नगर निगम के जिम्मेदारों ने नहीं सोचा है। करीब 50 लाख रुपए से अधिक का खर्च हर साल नगर निगम नालों की सफाई में करता है मगर परिणाम मूलक असर नहीं होने से शहर हर बारिश में डूबता है।
इस बारे में पीपुल्स समाचार पत्र ने शहर के नागरिकों से चर्चा की तो सभी का कहना था कि नालों की सफाई सिरे से सिलसिलेवार की जानी चाहिए,जहां अधूरे नाले हैं या टूटफूट हुई है उसे पहल रिपेयर किया जाना चाहिए। ऐसा न कर नगर निगम नालों की सफाई अपने हिसाब से टुकड़ों में करवाता है जिसका खामियाजा शहर को भुगतना होता है। उस वक्त नगर निगम भी असहाय हो जाता है और केवल भरे पानी की अपने-आप निकासी की राह देखी जाती है। वहीं निगमायुक्त इस बार के लिए कहते हैं कि एक महीने के अंदर शहर केसभी छोटे-बड़े नाले साफ करवा दिए जाएंगे।
ऐसे होते हैं पैसे खर्च
नालों की सफाई के लिए 200 से 300 सफाई श्रमिक विशेष रूप से इस कार्य के लिए 2 से 3 माह के लिए रखे जाते हैं। इन्हें आउट सोर्स के जरिये रखा जाता है। इनका भुगतान सहित नगर निगम की हिटाची व जेसीबी मशीनें लगाई जाती हैं जिनका डीजल खर्च और अन्य व्यय जोड़े जाएं तो करीब 50 लाख से ऊपर होते हैं।
एक सिरे से अंत तक होना चाहिए सफाई
ज्यादातर लोगों का यही कहना है कि जिस नाले में स फाई का कार्य आरंभ करवाया जाता है उसे सिरे से शुरू कर जहां तक वह जाता है पूरी तरह से साफ करने के बाद दूसरे नाले पर नंबर लगाया जाना चाहिए। मगर ऐसा न कर अलग-अलग नालों में अलग-अलग जगहों पर सफाई करवाई जाती हैऔर बारिश आते-आते तक पूरी तरह से नाले साफ नहीं हो पाते। यही जलप्लावन की वजह बनते हैं।
ये हैं मुख्य नाले
शहर के 5 बड़े नालों में ओमतीनाला,मोती नाला,उर्दना नाला,शाहनाला और खंदारी नाला शामिल हैं। इनसे जुड़ने वाले सवा सौ नाले हैं। इसके अलावा 170 अन्य नाले हैं। इस तरह कुल 1150 नाले शहर में हैं। जाहिर है कि दो महीने में सभी नालों की सफाई असंभव है। नगर निगम अपना फोकस मुख्य 5 नालों पर करता है। बाकी नालों में क्षेत्रीय कार्यालयों की सफाई टीम काम करवाती है।
फैक्ट फाइल
5 बड़े नाले हैं शहर में।
125 उप नाले हैं
850 छोटे नाले हैं
170 अन्य नाले हैं
1150 कु ल नाले हैं शहर में
50 लाख रुपए हर साल होते हैं सफाई में खर्च
नालों की सफाई पूरी तरह से करवाई जाती है और कई बार दूसरी बार भी कुछ हिस्सों में सफाई करवाई जाती है। मुख्य नालों सहित इनसे जुड़ने वाले नालों को पूरी तरह से साफ करवाया जाता है। निगमायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि एक महीने में सभी नाले साफ करवा दिए जाएंगे। भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी,ननि।