सिविल सर्जन ने की सर्जरी, बदला लेबर रूम, एसएनसीयू का स्टाफ

सिविल सर्जन ने की सर्जरी, बदला लेबर रूम, एसएनसीयू का स्टाफ

ग्वालियर। स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े जिला अस्पताल मुरार में उपचार के नाम पर मरीजों से ली जाने वाली मिठाई सहित लेबर रूम में चल रहे गोलमाल उजागर होने के बाद अब प्रबंधन ने सख्त रूप अपनाते हुए सिविल सर्जन ने एसएनसीयू व लेबर रूम की सर्जरी कर डाली। सिविल सर्जन ने आदेश जारी करते हुए इन दो जगह सालों से टिके स्टाफ को दूसरी जगह भेजा है तो यहां पर नर्सिंग ऑफिसर की ड्यूटी लगाई है और यह आदेश तत्काल से प्रभाव लागू भी हो गया है। जानकारी के मुताबिक यह सब अस्पताल में लेनदेन की प्रथा को समाप्त करने को लेकर किया गया है। इसी के तहत यह प्रयोग किया गया है, हालांकि अभी कुछ दिनों पहले दो प्रभारी बदलने पर नर्सेंस में हड़कंप मच गया था, इससे प्रबंधन को भी अस्पताल के अंदर चल रही गड़बड़ी के बारे में मालूम हुआ था। इसी के चलते प्रबंधन ने कुल 22 नर्सिंग ऑफिसर की ड्यूटी पीएनसी वार्ड, पीआईसीयू, लेबर रूम, चिल्ड्रन वार्ड एवं पीओडब्ल्यू में लगाई है।

समिति की जांच में नर्स की निकली गलती

जिला अस्पताल मुरार की व्यवस्थाओं को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर आरके शर्मा ने सात दिसंबर को लेबर रूम एवं एसएनसीयू के प्रभारी बदलने पर मधु नाम की नर्स इतना भड़क गई कि जिस नर्स को लेबर रूम का चार्ज मिला है, उस पर चार्ज नहीं लेने का दबाव डालते हुए सिविल सर्जन को अपशब्द तक कह दिए। इस मामले में अपशब्द कहने वाली नर्स पर कार्रवाई तय है, क्योंकि सीएमएचओ ने जो तीन सदस्यों की जांच समिति बनाई थी, उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और अधिकारियों के मुताबिक इसमें नर्स की गलती साबित हो चुकी है, स्वास्थ्य विभाग ने इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन के आला अधिकारी को सौंप दी है और उन्हीं के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग यह कार्रवाई करेगा। गौरतलब है कि दो नर्सों की बातचीत का यह ऑडियो शहरभर में जमकर वायरल हुआ, इसके बाद सीएमएचओ ने इसकी जांच की जिम्मेदारी डॉ. रंजनी जैन, डॉ. साधना शिवहरे एवं डॉ. पवन गर्ग को सौंपी थी, इनकी रिपोर्ट में नर्स की गलती निकली है।

डॉक्टर के अभाव में अल्ट्रासाउंड की जांच ठप

जिला अस्पताल मुरार के आला अधिकारी भले ही कितनी भी व्यवस्था बेहतर करने के दावे कर रहे हों, लेकिन अस्पताल में मरीज एक-दो दिन बल्कि कुछ दिनों से अल्ट्रासाउंड जैसी जांच के लिए परेशान हो रहे हैं। पिछले 6 दिनों से जिला अस्पताल में मरीजों के अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं और उन्हें आगे की डेट दी जा रही है। दरअसल ऐसा हो रहा है अस्पताल में एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट होने की वजह से, वह जब भी अवकाश पर जाता है यह महत्वपूर्ण जांच बंद हो जाती है। हालांकि प्रबंधन के आला अधिकारियों का कहना है कि रेडियोलॉजिस्ट की पिता का निधन हो गया है।

अस्पताल में कुछ गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी, इसी की वजह से कुछ नर्सेस के कार्य क्षेत्र बदले हैं इन्हें तत्काल प्रभाव से आदेश का पालन करना होगा। नर्स का जो ऑडियो वायरल हुआ था उसकी रिपोर्ट आ चुकी है, इसके सीएमएचओ ने कलेक्टर को आगे की कार्रवाई के लिए भेजा है। डॉ. आरके शर्मा,सिविल सर्जन जिला अस्पताल मुरार