चीन ने भारत भूटान सीमा पर बसाया नया शहर
हाल ही में भूटान नरेश ने भारत दौरे के वक्त उठाया था चीन का मुद्दा
बीजिंग। चीन ने भारत-भूटान सीमा के नजदीक तिब्बत में एक गांव को शहर में अपग्रेड कर दिया है। इस नए शहर ने चीन समेत पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। पश्चिम में भूटान और दक्षिण में भारत की सीमा से लगा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यह शहर 1962 की युद्ध के दौरान भी चर्चा में था। उस वक्त गांव रहे इस जगह पर चीनी सेना ने सैन्य टुकड़ी की तैनाती की थी। हाल में चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इस शहर की तस्वीर जारी की थी, जिसमें एक कतार में बनीं नई इमारतें दिखाई दे रही हैं। चीन इसे ग्रामीण क्षेत्रों के पुनरोद्धार के तौर पर प्रदर्शित कर रहा है, लेकिन वास्तव में यह सीमाई क्षेत्र में चीन की बुनियादी ढांचा विकास की एक चाल है। बता दें, इसी माह भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने भारत दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने भारत के समक्ष चीन सीमा का मुद्दा उठाया था।
लेबुगौ गांव को चीन ने रेड टूरिज्म रूट किया घोषित
चीन ने भारत-भूटान सीमा पर जिस गांव को अपग्रेड कर शहर बनाया है, उसका नाम लेबुगौ है। यह कोना के दक्षिण में स्थित एक जगह है। लेबुगौ में 1500 लोग रहते हैं। 2020 में गलवान झड़प के बाद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनातनी के बीच चीन ने इस जगह को नेशनल रेड टूरिज्म रूट में शामिल किया था, ताकि चीनी लोगों में देशभक्ति की भावना का संचार हो सके। लेबुगौ में मोनपा जातीय समूह के लोग रहते हैं।
सब्सिडी दे रहा, बनाए स्कूल-अस्पताल
लेबुगौ में बने टाउनशिप में अस्पताल, स्कूल, किंडरगार्टन व अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं विकसित की गई हैं। इसका प्रमुख लक्ष्य लोगों को सीमाई क्षेत्र में बसने के लिए प्रोत्साहित करना है। चीन ने इस गांव को तिब्बत के मुख्य बिजली ग्रिड से भी जोड़ दिया है। इससे बिजली की समस्या भी दूर हो गई है। लोगों का दावा है कि उन्हें दूरदराज के जंगलों में भी मोबाइल का सिग्नल मिलता है। सरकार ने उनके बच्चों को पढ़ने अच्छे स्कूल खोले हैं और लोगों को सब्सिडी दे रही है।