पीलिया और वायरल से बच्चे हो रहे पीड़ित एक पलंग पर दो बच्चों का हो रहा उपचार
ग्वालियर। सालों बाद आईफ्लू. का प्रकोप शहर में देखने को मिला है, इसी बीच वायरल के साथ बच्चों में सर्दी-खांसी-जुकाम के साथ ही अब बच्चों में जॉन्डिस सहित कई अन्य बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से बच्चों को अस्पताल में एडमिट तक करने की आवश्यकता पड़ रही है।
अंचल के सबसे पुराने अस्पताल समूह जेएएच के केआरएच के पीडियाट्रिक्स वार्ड की स्थिति यह है कि यहां सभी पलंग फुल हैं और एक पलंग पर दो-दो बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है। दूसरी ओर बच्चों को ठीक होेने में पांच से सात दिन का समय लग रहा है। ऐसा ही कुछ हाल प्राइवेट क्लीनिक व नर्सिंगहोम का है, यहां भी मरीज की भीड़ देखने को मिल रही है। सोमवार को हजार बिस्तर के अस्पताल में करीब 3000 मरीज उपचार लेने के लिए पहुंचे और रजिस्ट्रेशन विंडो से लेकर, डॉक्टरों के कक्षों के बाहर घंटों लाइनों में लगना पड़ा। प्रबंधन ने 400 करोड़ रुपए की लागत से बहु मंजिला हजार बिस्तर अस्पताल तो प्रारंभ कर दिया है, लेकिन मरीजों को लाइनों से छुटकारा नहीं मिल रहा है।
डेंगू का प्रकोप भी शुरू
बारिश के इस सीजन में वायरल के साथ ही डेंगू का प्रकोप भी प्रारंभ हो गया है, बच्चों के स्कूल भी प्रारंभ हो चुके हैं, इसके साथ ही डेंगू का लार्वा भी बढ़ रहा है। हाल ही में डेंगू से पीड़ित एक साल का बच्चा मिल चुका है, जिसे अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा है। जगह-जगह जलभराव हो रहा है, जिसमें डेंगू का लार्वा पनप रहा है। हालांकि मलेरिया विभाग की टीम लगातार सर्वे करते हुए लार्वा को नष्ट करने की कार्रवाई कर रही है।
यह बरतें सावधानी
- बच्चों को साफ एवं उबला हुआ पानी पिलाएं।
- ताजा भोजन खाने को दें, जंक फूड से बचें।
- आईफ्लू. से पीड़ित होने पर स्कूल न भेजें।
- उल्टी दस्त होने पर तुरंत अस्पताल ले जाएं।
- घर की छतों पर पानी जमा नहीं होने दें।
- कूलर की टंकी सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें।
बच्चे वायरल के साथ जॉन्डिस का शिकार हो रहे हैं, अस्पताल ओवरलोड हैं, मजबूरी में एक पलंग पर दो-दो बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। बच्चों को स्थिति के अनुसार एक सप्ताह तक एडमिट करने की आवश्यकता पड़ रही है। ऐसे में इस बदले हुए मौसम में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। -डॉ. घनश्याम दास, बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ जेएएच
इस मौसम में मलेरिया एवं टाइफाइड के मरीज नहीं आ रहे हैं, वायरल के केस सबसे अधिक आ रहे हैं। ऐसे में जिनके बच्चे स्कूल जाते हैं उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। -डॉ. विनीत चतुर्वेदी, बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ