फ्लू की चपेट में आ रहे बच्चे, प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चे पहुंचे ओपीडी में

फ्लू की चपेट में आ रहे बच्चे, प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चे पहुंचे ओपीडी में

इंदौर। चीन के बच्चों में फैल रही रहस्यमयी बीमारी को लेकर इंदौर में भी अलर्ट जारी किया गया है। बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्यों को एडवाइजरी भेजी गई है, वहीं अब ठंड ने भी पूर्ण रूप से अपनी दस्तक दे दी है। ऐसे मौसम में बच्चे सबसे पहले बीमार होते हैं, इसलिए उनका ख्याल रखना जरूरी है। बार-बार जुकाम, निमोनिया जैसे लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। मौसम में आए बदलाव के कारण फ्लू तेजी से फैल रहा है। इसमें सबसे ज्यादा बच्चे गंभीर बीमार हो रहे हैं। शहर के शासकीय और निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को लेकर पहुंच रहे हैं। इनमें से अधिकांश वायरस की चपेट में आ रहे हैं।

चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय प्रतिदिन ओपीडी में 500 बच्चे आते हैं, वहीं लाल अस्पताल में भी बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। यहां पिछले दिन में एक हजार से ज्यादा बच्चे पहुंचे हैं। पहले के मुकाबले 15 प्रतिशत मरीज बढ़ चुके हैं। इनमें अधिकांश बच्चों की उम्र पांच वर्ष तक की है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों को पहले सर्दी, खांसी, बुखार आ रहा है। चार-पांच दिन तक यदि सही उपचार नहीं मिल पाता है तो वह इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं। लापरवाही न बरतते हुए विशेषज्ञ से इलाज करवाना चाहिए। लाल अस्पताल में प्रतिदिन 500 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं।

बदलाव के कारण बढ़ रहे मरीज

विशेषज्ञों ने बताया कि एक सप्ताह पहले सुबह और रात में ठंडा मौसम हो जाता है, वहीं दिन का तापमान अधिक। अधिकतकम तापमान के कारण जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उनमें बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। हुकुमचंद पॉली क्लिनिक डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि अस्पताल में संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसमें सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। मौसम में परिवर्तन के कारण ओपीडी में रोजाना 70 से 80 बच्चे आ रहे हैं, लेकिन सर्दी-खांसी के मरीज हैं, जिन्हें दवाइयां देकर ठीक किया जा सकता है। फिलहाल घबराने जैसी कोई बात नहीं है।

मॉस्क लगाकर रखें

चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. प्रीति मालपानी का कहना है कि ओपीडी में बच्चों की संख्या 15 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। बचाव के लिए फ्लू वैक्सीन लगवाना चाहिए। मॉस्क लगाकर रखना चाहिए। यदि सांस अचानक तेज चलने लगे तो तुरंत विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी अलर्ट पत्र के बाद निजी और सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। दोनों की जगह पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध रखने के निर्देश दिए गए हैं।

यह सावधानी जरूरी

  • व्यक्तिगत साफ-सफाई का ख्याल रखें, ताकि आप भी बचे रहें और दूसरों में भी इंफेक्शन न फैले। 
  • समय-समय पर हाथों को अच्छे से साबुन से साफ करें। 
  • खांसी या छींक आने पर रूमाल या साफ कपड़े से मुंह को ढंक लें, रूमाल को इस्तेमाल करने के बाद गर्म पानी में भिगोकर धोएं। 
  • चोट के घावों को ढंककर रखें, खुला न छोड़ें। 
  • भीड़ वाली जगह पर मॉस्क जरूर लगाएं। 
  • बुखार होने पर मॉस्क लगाएं, ताकि संक्रमण दूसरों में न फैले।