पूर्वी मप्र में दो दिन बाद अच्छी बारिश के आसार,तब तक बनी रहेगी उमस

पूर्वी मप्र में दो दिन बाद अच्छी बारिश के आसार,तब तक बनी रहेगी उमस

जबलपुर। बंगाल की खाड़ी में बन रहे नए सिस्टम से सोमवार से पूर्वी मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। तब तक उमस का सामना करना होगा। फिलहाल बारिश नहीं हो रही है और उमस से लोग फिर परेशान हैं। 17 से 19 जुलाई तक पूर्वी मप्र में अच्छी बारिश हो सकती है। गौरतलब है कि मौसम विभाग का लगातार जबलपुर व आसपास के संभागों में यलो अलर्ट की चेतावनी जारी करने के बाद भी बारिश लापता है।

साढ़े 13 इंच बारिश के बाद अब इंद्र देव रेस्ट मूड में हैं। बारिश थमते ही माहौल में उमस फिर छा गई है। मौसम विदों के अनुसार रविवार तक तेज बारिश के आसार नहीं हैं। सोमवार शाम से ही बारिश का क्रम शुरू हो सकता है। इस बीच कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश हो सकती है। नए बन रहे सिस्टम से 17 से 19 जुलाई तक पूर्वी मप्र में अच्छी बारिश हो सकती है। उमस के चलते अब तक नीचे चल रहे तापमान अब सामान्य पर आ गए हैं।

और यहां आरेंज अलर्ट

सीहोर, उज्जैन, बैतूल जिलों में भारी वर्षा जारी है जिसकी निरंतरता का पूर्वानुमान मौसम विभाग ने बताया है। यहां भारी वर्षा और वज्रपात की संभावना बताई गई है। पिछले 24 घंटे में भोपाल नर्मदापुरम संभाग के अनेक जिलों में अधिकांश स्थानों पर उज्जैन व ग्वालियर संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई है।

ये जिले यलो अलर्ट में

मौसम विभाग के अनुसार जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, सागर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, भोपाल, नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा, देवास, शाजापुर, मंदसौर व नीमच जिले में यलो अलर्ट जारी किया गया है जहां भारी वर्षा या वज्रपात हो सकता है।

जबलपुर में ऐसा रहा मौसम का मिजाज

शुक्रवार को अधिकतम तापमान 32.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो कि सामान्य रहा। न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री रहा जो कि सामान्य रहा। आर्द्रता 90 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशा दक्षिणी- पश्चिमी 4 से 5 किमी प्रतिघंटा रही। पूर्वानुमान में संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की गई है।

बरगी में जलस्तर 417.75 मीटर

बरगी डेम में कैचमेंट एरिया में हुई अच्छी बारिश के चलते जलस्तर शुक्रवार शाम को 417.75 मीटर पहुंच गया है। बांध प्रबंधन ने बताया कि जलस्तर 418 पहुंचने पर इस मौसम में पहली बार बरगी डेम के गेट खोले जा सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो यह सालों बाद होगा कि जुलाई माह में बरगी डेम के गेट खोले जाएंगे।