केंद्र के राज्य सरकार को निर्देश... अब दागदार गेहूं भी खरीदेंगी समितियां
इंदौर। पिछले दिनों से गेहूं की खरीदी शुरू होने के बाद किसानों का दागी गेहूं खरीदने से समितियां इनकार कर रही थीं। कुछ सोसायटियों ने दागी गेहूं खरीद लिया था। उसको भारतीय खाद्य निगम ने वापस कर दिया था। इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आपत्ति उठाई थी और सरकार से कहा था कि रंगविहीन और मामूली दागी गेहूं को भी खरीदा जाए। मध्यप्रदेश सरकार ने इस पर तत्काल तो कोई निर्णय नहीं लिया, लेकिन इसे लेकर केंद्र सरकार से मांग की थी, जिस पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मध्यप्रदेश सरकार को पत्र द्वारा निर्देशित किया है कि अब बगैर किसी भावों की कटौती के किसानों का बारिश के कारण खराब हुआ गेहूं भी खरीदा जाए।
हालांकि उस पर 30 फीसदी तक का बंधन जरूर लगाया है । केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि दागी गेहूं में किसानों के कोई नुकसान नहीं हो... ऐसी व्यवस्था करें और जितना भी गेहूं खरीदा जाए, उसको अलग रखकर जल्द-सेज ल्द उसका वितरण में निबटारा किया जाए।
उक्त जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, शैलेंद्र पटेल और चंदनसिंह बड़वाया ने बताया कि पिछले चार दिनों से संयुक्त किसान मोर्चा किसानों के खरीदी केंद्रों पर ले जाए जा रहे गेहूं को वापस करने का विरोध कर रहा था । किसान नेताओं ने बताया कि इस मुद्दे को कृषि मंत्री एंदलसिंह कंसाना के सामने भी भोपाल में उठाया था तथा दो दिनों से किसानों ने सोसायटियों पर गेहूं ले जाना बंद कर दिया था। उसके बाद आज ही यह आदेश निकल गया है, जिसमें केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय के उपायुक्त विश्वजीत हलदर ने मध्यप्रदेश के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि किसान यदि 30 फीसदी तक दागी गेहूं लेकर आता है तो उसको बगैर किसी भाव की कटौती के खरीदा जाए।