इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों से 469 करोड़ रुपए वसूलेगी केंद्र सरकार
हीरो इलेक्ट्रिक समेत 7 कंपनियां गलत तरीके से ले रही थीं फेम-कक सब्सिडी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा समेत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली 7 कंपनियों से 469 करोड़ रुपए लौटाने को कहा है। ये कंपनियां फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स II (FAME-II) योजना के नियमों का उल्लंघन कर प्रोत्साहन राशि (सब्सिडी) ले रही थीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह राशि न लौटाने की स्थिति में इन कंपनियों को फेम-2 योजना से 7-10 दिन में डी-रजिस्टर किया जाएगा। सरकार उन्हें योजना में भाग लेने की अनुमति नहीं देगी। किस कंपनी को कितनी राशि का भुगतान करना है? इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। सरकार सब्सिडी को हड़पने के मामले में एफआईआर दर्ज कराने पर भी विचार कर रही है और जांच पूरी होने के बाद इस पर फैसला किया जा सकता है। 6 कंपनियों को क्लीन चिट : मंत्रालय की जांच के दायरे में हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा के अलावा 13 ईवी कंपनियां हैं। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि हमारी जांच में 6 कंपनियां पाक-साफ पाई गई हैं। लेकिन सात कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन किया है। इसलिए हम 469 करोड़ रुपए मांग रहे हैं। उन्हें यह रकम सरकार को लौटानी होगी।
इन कंपनियों पर कार्रवाई
- हीरो इलेक्ट्रिक
- ओकिनावा ऑटोटेक
- एम्पीयर ईवी (अेस्री१ी एश्)
- रिवोल्ट मोटर्स
- बेनलिंग इंडिया
- एमो मोबिलिटी
- लोहिया ऑटो
वत्तीय वर्ष 2024 के लिए 5172 करोड़ रुपए अलॉट
2019 में 10,000 करोड़ रुपए के बजट के साथ फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल योजना के सेकंड फेज की घोषणा की गई थी। अब तक 3701 करोड़ का इस्तेमाल किया जा चुका है। वहीं 2024 के लिए 5,172 करोड़ अलॉट किए जा चुके हैं। अब देखना होगा कि सरकार शेष राशि का इस्तेमाल ईवी प्रचार के लिए करती है या नहीं।
ये है पूरा मामला
शिकायत और जांच : मंत्रालय को नॉर्म्स के उल्लंघन की शिकायतें मिल रही थीं। मंत्रालय ने ARAI और ICAT जैसी व्हीकल टेस्टिंग एजेंसियों को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी। इन्होंने 13 ईवी कंपनियों के कंपोनेंट्स की सोर्सिंग पर विस्तृत जांच की। जांच वीडियोग्राफी के साथ की गई।
जांच में क्या मिला? : रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा ने इम्पोर्टेड पार्ट्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है, जो दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। जिन पुर्जों को भारत में तैयार होना था, उन्हें भी बाहर से इंपोर्ट किया गया है।
कार्रवाई में क्या? : सोसाइटी फॉर मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने दावा किया कि 15 महीनों के लिए 1400-1500 करोड़ की सब्सिडी रोक दी गई है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती? ईवी कंपनियों को सब्सिडी नहीं मिलेगी। वहीं जो सब्सिडी दी जा चुकी है, वह कंपनियों से वसूली जाएगी।