मध्यभारत के पहले एरोप्लेन एमआरओ सेंटर का संचालन अगले वर्ष से
भोपाल। मध्यभारत का पहला एरोप्लेन प्लेन मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग (एमआरओ) सेंटर भोपाल में बनाया जा रहा है। इसमें तीन से अधिक प्लेन्स को एक साथ मेंटेनेंस किया जा सकेगा। इसके संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा, इसके संचालन का काम एयरो टेक्निक कंपनी काम दिया गया है। दस करोड़ की लागत से करीब 5600 स्वायर मीटर में तैयार होने वाले इस सेंटर को बनाने की डेड लाइन मार्च 2025 तक तय की गई है। वर्तमान में देशभर में इस तरह के सेंटर सिर्फ दिल्ली, मुम्बई और कोलकाता में हैं।
फायदा: खाली नहीं जाएंगे प्लेन
यह सेंटर देश के मध्य में हैं, इसके चलते कंपनियों को प्लेन के एमआरओ शेड्यूल कराना सस्ता पड़ेगा। जानकारों का मानना है कि μलाइट को उनके शेड्यूल के अनुसार मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग कराना पड़ता है। इससे जब भी उनका शेड्यूल होगा इसके पहले एयर इंडिया के आने-जाने वाले μलाइटों की सूची में इस शेड्यूल में इसे शामिल करते हुए यात्रियों की एडवांस बुकिंग कर भोपाल तक यात्रियों को लेकर आएंगे। इसके बाद जब ये प्लेन यहां से जाएंगे तो ये खाली जाने के बजाय यहां से यात्री लेकर जाएंगे। हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार:कामों को लिए टेक्निकल और नॉन टेक्निकल कर्मचारियों की जरूरत होगी। सेंटर खोलने के बाद कंपनियां कुछ कामों को आउट सोर्स भी करती है। यह काम भी यहीं के लोगों को दिया जाएगा।
दिल्ली- मुम्बई सेंटर में रहती है भीड़, पार्किंग भी महंगी
जानकारों का मानना है कि दिल्ली और मुम्बई मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग काफी भीड़ रहती है। इससे कई बार प्लेन को शेड्यूल नहीं मिल पाता है, वहां पार्किंग भी महंगी पड़ती है। इससे कंपनियां अपना प्लेन को इस सेंटर में लाना ज्यादा पसंद करेंगी। इसके अलावा ये सेंटर मध्य में होने के कारण सभी राज्यों के लिए पास में पास में पढ़ेगा। इससे वे अपने μयूल और समय बचाने के लिए इस सेंटर में आना बेहतर समझेंगी।
प्लेन की आवाजाही बढ़ेगी
मध्य भारत का प्लेन मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग (एमआरओ) सेंटर बनाने का काम चल रहा है। कंपनी को एक साल के अंदर इसे चालू करने का समय दिया गया है। इसके बनने से स्वाभाविक रूप से प्रदेश में प्लेन की आवाजाही बढ़ने के साथ ही यहां स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। रामजी अवस्थी, डायरेक्टर, राजा भोज एयरपोर्ट भोपाल