कूनो में चीतों की मौत पर रउ के सवाल पर केंद्र बोला- इतनी मौतें खतरे की घंटी नहीं

कूनो में चीतों की मौत पर रउ के सवाल पर केंद्र बोला- इतनी मौतें खतरे की घंटी नहीं

नई दिल्ली। कूनो में चीतों की लगातार हो रही मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से उन्हें शिμट करने के बारे में पूछा था। कोर्ट के इस प्रश्न का जवाब गुरुवार को केंद्र ने दिया। केंद्र ने अपने जवाब में कहा कि उसे चीतों की मौत की आशंका पहले से थी। केंद्र की ओर से कोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने कहा, हमें इस बात की आशंका थी। उन्होंने कहा कि दूसरी जगह से शिμट किए जाने पर पहले साल में 50% मौतें होना खतरे की घंटी नहीं है। कूनो में पिछले चार महीने में 8 चीतों (करीब 40%) की मौत हो चुकी है। इस मामले को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को निर्देश देने के लिए बनी एक एक्सपर्ट कमेटी ने ही सुप्रीम कोर्ट में उठाया है। कमेटी की एप्लिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट केस की सुनवाई कर रहा है।

पीसीसीएफ वन्यप्राणी ने लिखा था सरकार को पत्र

भोपाल। तीन महीने पहले तत्कालीन वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने चीतों की शिμिटंग के लिए सरकार को विचार करने के लिए पत्र लिखा था। उनका कहना था कि कूनो की कैरिंग कैपेसिटी 20 चीतों की है, जो पूरी तरह से फुल है। अगर कोई बीमारी फैलती है, तो एक जगह होने से सभी चीतों के लिए जान का खतरा बन सकता है। हालांकि जलवायु, वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने एक बयान में यह कहा है कि चीते यहां से कहीं नहीं जाएंगे।