जबरदस्त ठंड के कारण दस दिन लेट हुई जलीय जीवों की गणना
ग्वालियर। फरवरी के पहले सप्ताह में चार फरवरी से शुरू होने वाली गणना जबरदस्त ठंड के कारण दस दिन लेट हो गई। बुधवार से शुरू हुई जलीय जीवों की गणना 27 फरवरी तक की चलेगी। गणना में पालीघाट से लेकर पचनदा घाट तक गणना में घड़ियाल, मगर, डाल्फिन की गिनती होगी। कछुआ गिनती में शामिल नहीं हैं फिर भी गिने जाएंगे। अभी एक बोट से गणना कर्मचारी रवाना हुए हैं। डब्ल्यूआईआई, राजस्थान, उत्तर प्रदेश से भी एक-एक गणना कर्मचारी शामिल हुआ। राजस्थान के पाली घाट से गणना का सर्वे दोपहर 12 बजे शुरू हुआ।
इसके लिए हेचरी प्रभारी ज्योति दंडौतिया के साथ एक टीम देवरी (मुरैना) से रवाना की गई। अब धूप खिलने से गणना का काम आसान हो जाएगा। गणना में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य प्रभारी भूरा गायकवाड़, वन विभाग राजस्थान के सदस्य ओमकार, तरुण नायर के अलावा उत्तर प्रदेश वन विभाग के सदस्य भी शामिल हुए। इसके अलावा शोध सहायक, एनजीओ और समय-समय पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी गणना में सहभागी बनेंगे।
विशेष साधनों से लैस रहेगी टीम
लंबी दूरी तक देखने वाली दूरबीन के अलावा अन्य कैमरे, छाता लेकर टीम रवाना हुई है। हेचरी प्रभारी दंडौतिया का कहना है कि बारिश से बचाव के लिए छाता बोट में उपलब्ध हैं। बुधवार को गणना के लिए एक बोट रवाना हुई है, दूसरी बोट भी जाएगी।
जलीय जीवों की गणना बुधवार से शुरू हो गई है। 27 फरवरी तक चलेगी। गणना में क्या संख्या रही है यह मार्च माह के पहले सप्ताह तक सामने आएगा। भूरा गायकवाड, अधीक्षक, राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य