फायर ब्रिगेड के वाहन को बिना अनुमति बेचने का मामला पहुंचा थाने, बयान देने बुलाया
ग्वालियर। नगर निगम के फायर ब्रिगेड विभाग में रखी कंडम गाड़ी का बीमा कराने का विवाद समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में उसी कंडम गाड़ी को नियम विरूद्ध टेंडर प्रक्रिया की अनदेखी कर बेचने के मामले का खुलासा हुआ है। साथ ही मामले में विश्वविद्यालय थाने व ईओडब्ल्यू में एफआईआर करवाने के लिए शिकायत हो गई है। जिसके बाद थाने से फायर नोडल अधिकारी अतिबल सिंह यादव, फायर ऑफिसर उमंग प्रधान व विवेक दीक्षित को बयान देने के लिए बुलाया गया है।
नगर निगम का फायर ब्रिगेड मुख्यालय बाल भवन के सामने बना हुआ है, यहां चार कंडम वाहन भी खड़े हुए हैं। इन वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। ऐसे ही एक वाहन क्रमांक सीपीएच 7924 (वाटर टैंकर) मॉडल 1981 का बीमा कराया गया है। बीमा 10 अक्टूबर 2022 से 9 अक्टूबर 2023 के लिए कराया गया है, इसके लिए राशि जमा की गई है, साथ ही तीन अन्य कंडम गाड़ियों का बीमा नहीं कराया गया है। इस मामले की शिकायत महिला कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री निधि शर्मा द्वारा ईओडब्ल्यू में की गई है, साथ ही बताया गया है कि 28 वाहनों का जिक्र है जिसमें चार वाहन कंडम स्थिति में हैं और वाहन क्रमांक सीपीएच 7924 को बिना टेंडर प्रक्रिया का पालन किए बेच दिया गया है।
विवि थाने में बुलाया है बयान के लिए
फायर टैंकर को बिना टेंडर प्रक्रिया के बेचे जाने के मामले में विश्वविद्यालय थाने में शिकायत के बाद सरकारी संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने पर नोडल फायर ऑफिसर अतिबलसिंह यादव, फायर ऑफिसर उमंग प्रधान व विवेक दीक्षित को नोटिस दिया है। हालांकि फायर नोडल अधिकारी के रूप में अतिबल सिंह यादव की नियुक्ति बमुश्किल एक महीना पहले हुई है और ऐसे में वाहन चोरी के मामले में उन्हें क्लीनचिट मिल सकती है।
कार्यशाला को फायर ब्रिगेड देता है जानकारी
नगर निगम में कितनी गाड़ियां चालू हालत में हैं और कितनी कंडम हैं, इसकी जानकारी संबंधित विभागों द्वारा कार्यशाला को दी जाती है। इस बार भी जानकारी कार्यशाला को भेजी गई है और इसी आधार पर इनका भौतिक सत्यापन करवाकर जिम्मेदारों पर ठोस कार्रवाई की जा सकती है।
श्रीकांत काटे व केशव चौहान को दिए हैं नोटिस
कंडम वाहन क्रमांक सीपीएच 7924 (वाटर टैंकर) के बेचे जाने का मामला बीते 7-8 महीने पुराना बताया जा रहा है, जिसके चलते निगम फायर अधिकारी रहे केशव चौहान व श्रीकांत काटे को नोटिस दिया गया है, जिससे वाहन के संबंध में स्थिति स्पष्ट हो सके। हालांकि अभी तक दोनों अधिकारियों ने अपना जवाब प्रस्तुत नहीं किया है।
आवेदन आने पर हमारे स्टाफ द्वारा पूछताछ के लिए पत्र जारी किया गया होगा, जानकारी लेता हूं। -मनीष धाकड़,टीआई, विवि थाना
मामला गंभीर है, इस मामले में तत्काल जांच करवाता हूं। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। -हर्ष सिंह,निगमायुक्त, ग्वालियर