रैगिंग का मामला, जूनियर ने सीनियर पर लगाए आरोप पुलिस से की शिकायत

रैगिंग का मामला, जूनियर ने सीनियर पर लगाए आरोप पुलिस से की शिकायत

ग्वालियर। अंचल का सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज जीआरएमसी अपने छात्रों को सुरक्षा तक मुहैया नहीं करा पा रहा है। भले ही एंटी रैगिंग को लेकर प्रबंधन द्वारा कितने भी दावे किए जाते हो, लेकिन सबसे पुराने इस कॉलेज में सीनियर रैगिंग के नाम पर सरेआम अत्याचार कर रहे हैं। रैगिंग का नया मामला सामने आया है जिसमें एक फस्ट ईयर के छात्र ने सीनियर पर मारपीट व परेशान करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई की गुहार लगाई हैं साथ ही इस स्टूडेंट ने सीनियर छात्र पर जान से मारने का आरोप लगाते हुए डीन तक को शिकायत की है।

फस्ट ईयर के छात्र नील गोयल ने सीनियर अमन पटेल पर सरेआम रैगिंग का आरोप लगाया है और पीड़ित छात्र का कहना कि सीनियर द्वारा विभिन्न प्रकार से उसकी न केवल रैगिंग ली जा रही है बल्कि जान से मारने की धमकी तक दी जा रही है यहीं नहीं इस फस्ट ईयर के छात्र को राजकुमार बघेल नाम के एक सीनियर छात्र द्वारा कॉलेज में गाड़ी तक नहीं लाने दी जा रही है। ऐसे ही कई माध्यम से इस छात्र को सीनियर द्वारा शारीरिक एवं मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।

घोटालों से लेकर रैगिंग तक रोकने में नाकाम प्रबंधन

जीआरएमसी प्रबंधन का अपना अलग ही खेल है यहां के जिम्मेदारों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं क्योंकि प्रबंधन के आला अधिकारी घोटालों से लेकर कॉलेज में सीनियर द्वारा जूनियर के बीच होने वाले झगड़ों एवं रैगिंग तक केस कम नहीं कर पाएं हैं। इसके लिए प्रबंधन ने इस प्रकार के मामलों पर रोक लगाने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी, हॉस्टल वार्डन, चीफ वार्डन की नियुक्ति कर रखी हैं जब इतने अधिकारियों की नियुक्ति है तो इस प्रकार रैगिंग के मामले इन अधिकारियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

बीच रोड़ पर कुछ महीनों पहले ही चले थे चाकू

जीआरएमसी को लेकर यह पहला मौका नहीं हैं जब जूनियर ने सीनियर पर रैगिंग का आरोप लगाया हो। इससे पहले भी कई बार इस प्रकार के मामले सामने आ चुके हैं, अभी कुछ महीनों पहले हैं मेडिकल कॉलेज की ठीक सामने सीनियर एवं जूनियर के बीच सरेआम सड़क पर चाकू चले थे इसके बाद ही कॉलेज के हालात बदले नहीं हैं। अब देखना यह है कि फस्ट ईयर के इस छात्र को कॉलेज के आला अधिकारी कहां तक न्याय दिला पाते हैं।