याद रहेगा कैप्टन बत्रा का बलिदान
जबलपुर। कारगिल विजय दिवस हर वर्ष 26 जुलाई को लद्दाख के कारगिल द्रास-बटालिक सेक्टर के क्षेत्र में दुनिया के सबसे दुर्गम इलाके में लड़ी गई लड़ाई के दौरान वीरता और शौर्य की गाथा के रूप में मनाया जाता है।
इस युद्ध में जम्मू और कश्मीर राईफल्स रेजिमेंट ने भारतीय सेना की उच्चतम परम्पराओं में, प्रशस्ता रणवीरता का वास्तविक भाव प्रदर्शित करते हुए दुश्मन द्वारा घेरे हुए प्वांईट 4590 और प्वांईट 5353 को अपने कब्जे में कर लिया। यही कामयाबी युद्ध में एक निर्णायक मोड़ बन गयी। कारगिल युद्ध के समस्त अमर शहीदों और 13 जम्मू और कश्मीर राईफल्स रेजिमेंट के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा परम वीर चक्र (मरणोपरांत) के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए सेंटर में बने युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मोमबत्ती जुलूस निकला
शहीदों की यादव में केंट ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष शिव अग्रवाल के नेतृत्व में मोमबत्ती जुलूस निकालकर श्रद्धांजलि दी गई। किरण ठाकुर, अमरचंद बावरिया, लखन ठाकुर, रिंकू कुशवाहा, रघु तिवारी, अनुरा तिवारी, राखी घोष, कृपान्ती देवी, फूलवती विश्वकर्मा, मालती रॉय आदि उपस्थित रहीं।
भाजपा जनजाति मोर्चा
पूर्व नगर अध्यक्ष शंकर लाल गोटिया ने बताया कि शहीद 5सौ सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। शैलेष सिंह लोधी, आनन्दी लाल खलीफा, अशोक गोंटिया, राजेन्द्र, शंकर लाल, विनोद गोंटिया, हेमन्त ठाकुर, गनेश उइके आदि उपस्थित रहे।
एनएसयूआई ने दी श्रद्धांजलि
एनएसयूआई के छात्र नेता राहुल रजक एवं प्रकाश सोनी, पवन कनोजिया के साथ कैंट सदर अब्दुल हमीद चौक पर सभी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने वीर सेनाओं को श्रद्धांजलि दी। पदाधिकारियों ने कहा किअपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए हमारे जांबाज जवानों ने करगिल युद्ध में हिंदुस्तान की जीत का परचम लहराया था सेना ने अपने शौर्य और वीरता से तिरंगे पर कभी आंच नहीं आने दी। इस मौके पर अभय नायडू, संतोष विनोदिया, दिलीप रजक, महेश कटारे, राजेश चौबे, लीजो जसेले, राकेश गिरी, खुन्नु यादव, राजेश, मनोज यादव, विजय पाण्डे, सुरेन्द्र पटेल, अंकित तिवारी, निलेश मलिक, राजेश अहिरवार, अख्तर, अभिषेक दाहिया उपस्थित रहे।