खुद की जीत को लेकर ऊहापोह में उलझे दोनों दलों के उम्मीदवार

खुद की जीत को लेकर ऊहापोह में उलझे दोनों दलों के उम्मीदवार

इंदौर। विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती का काउंट डाउन शुरू हो गया है। जैसे-जैसे मतगणना की तारीख 3 दिसंबर नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशी खुद की जीत को लेकर ऊहापोह में उलझते जा रहे हैं। जिन प्रत्याशियों को जीत का सेहरा बंधेगा, वे अगला कदम बढ़ाएंगे, जो हार का दंश झेलेंगे, वे भविष्य को लेकर चिंतित होंगे। कुल मिलाकर दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशी बंपर वोटिंग के बाद भी जनता का मूड नहीं भांप पाए हैं। जनता भी मौन है, किसके पक्ष में वोटिंग की, पता लगा पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।

जिले की सभी 9 सीटों के प्रत्याशियों का भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां चाक-चौबंद हो गई है। जनसम्पर्क के बाद चुनावी खुमारी मिटाकर लौटे प्रत्याशी अभी भी जीत-हार को लेकर जोड़-घटाव में लग गए हैं। किसी का जोड़ गलत हो रहा तो किसी ने अभी से विधानसभा में जाने के लिए घुंघरू बांध लिए हैं। यहां तक कि कार्यकर्ताओं को कह दिया है कि वे हजारों वोटों से जीत रहे हैं।

पटाखा और फूलों के देंगे ऑर्डर

3 दिसम्बर को सुबह 8 बजे से मतगणना का दौर शुरू हो जाएगा। जो देर शाम तक चलेगा। इस दौरान 14 राउंडों में प्रत्याशियों को मिले वोटों की घोषणा की जाएगी। इन्हीं घोषणा को सुनकर प्रत्याशी जुलूस-जलसे निकालना शुरू करेगा। सूत्रों ने बताया कि कुछ प्रत्याशियों ने जीत को लेकर पटाखा, हार-फूलों की खरीदी के लिए ऑर्डर देने की तैयारी कर ली है, वही, कुछ प्रत्याशियों ने मुंह मीठा कराने के लिए मिठाई के ऑर्डर भी दिए हैं।

कार्यकर्ताओं के हुजूम के साथ पहुंचेंगे

नेहरू स्टेडियम में मतगणना के दौरान अपने वोटों की स्थिति जानने प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं के हुजूम और ढोल-ताशे वाले को लेकर पहुंचेंगे। जीत मिली तो ढोल बजेगी, हार मिली तो उदासी के साथ घर लौट जाएंगे।

इन पर सबकी निगाह

जिले की 9 सीटों का फैसला होना है। आमजन और दोनों संगठन प्रमुखों की निगाह कुछ प्रत्याशियों पर है। भाजपा से इंदौर एक के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय, सांवेर से तुलसी सिलावट, महू से रामकिशोर शुक्ला, तीन से पिंटू जोशी पर निगाह रहेगी। ये प्रत्याशी कितने वोटों से जीतते हैं, यह भी मायने रखेगा। हालांकि, लोगों का मानना है कि इंदौर की सीट भाजपा के पक्ष में जा सकती है।