कैंसर मरीज बेड के इंतजार में, इधर वार्ड को लैब में बदलने की तैयारी

कैंसर मरीज बेड के इंतजार में, इधर वार्ड को लैब में बदलने की तैयारी

जबलपुर। प्रदेश के एक मात्र स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में कैंसर मरीज जहां बेड के लिए जमीन में बैठकर इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विभाग से आए फरमान के बाद यहां के एक वार्ड को सेंट्रल लैब में बदलने की तैयारी की जा रही है। मुख्यालय से आए फरमान के बाद स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट प्रबंधन के अधिकारी भी परेशान है कि आखिर मेल वार्ड में भर्ती करीब 25 से ज्यादा मरीजों को कहां शिफ्ट किया जाए। बताते हैं कि करोड़ों रुपए की लागत से तैयार यह इंस्टीट्यूट अनदेखी का इस कदर शिकार है कि एक साल पहले मरीजों को शिफ्ट करने के बाद इनके उपचार के लिए भोपाल से मशीनों को अब नहीं भेज सका है, जिसके चलते यहां पर मशीनों के कमरों में ताले लटके हुए। ऐसे में अब भी मरीज भोपाल और नागपुर उपचार के लिए जाते हैं।

रोजाना भर्ती हो रहे 120 से ज्यादा मरीज

बताया जाता है कि स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में पूरे महाकोशल क्षेत्र से कैंसर मरीज उपचार कराने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में रोजाना करीब 120 से अधिक मरीजों को भर्ती किया जाता है जबकि अस्पताल में 200 बेड ही है। चार वार्ड मेल-फीमेल के लिए है तो एक वार्ड पीडियाट्रिक के लिए आरक्षित किया गया है।

पेट में ट्यूमर कैंसर की पीड़ा से जूझ रही छिंदवाड़ा जिले के तामिया निवासी प्रियंका बाल्मिक ने बताया कि 7 जून से वह यहां से उपचार ले रही है। चिकित्सकों ने उपचार के लिए बुलाया था लेकिन यहां पर बेड नहीं मिल रहा है लिहाजा व्हीलचेयर में वह बेड का इंतजार कर रही है।

डीन का फोन नहीं उठा

इस संबंध में जब कॉलेज की डीन से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन ही रिसीब नहीं किया। इस वजह से उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।

क्या कहते हैं पीड़ित

दमोह जिले से आई दशोदा बाई के परिजनों ने बताया कि दशोदा ब्लड कैंसर से पीड़ित है। दशोदा के लिए वे बेड का इंतजार कर रहे है अभी तक उन्हें 6 कीमो लग चुकी है । चिकित्सकों ने कहा है कि अभी वेटिंग चल रही है लिहाजा जमीन पर ही मरीज को लिटाये हुए है। यहां पर बेड की समस्या है उपचार पूरा मिलता है लेकिन समय पर बेड नहीं।

कॉलेज की डीन ही इस संबंध में विस्तृत जानकारी दे पाएगी। एक वार्ड को सेंट्रल लैब के लिए दिया जाना है हम व्यवस्थाएं करने में लगे हुए है। -डॉ. लक्ष्मी सिंगौतिया, अधीक्षक स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट