करोड़ों का स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट फिर थैरेपी के लिए नागपुर, भोपाल जा रहीं कैंसर पीड़ित
जबलपुर। करोड़ों रुपए की लागत से तैयार प्रदेश का एक मात्र स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में बच्चादानी कैंसर से पीड़ित महिलाओं को थैरेपी के लिए अब भोपाल, नागपुर और सतना भेजा रहा है। इससे कैंसर पीड़िता और उनके परिजनों को अब खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रबंधन इस बात को लेकर अपनी लाचारी दिखा रहा है कि इस मशीन को शुरू करने के लिए आने वाला सामान जर्मनी से आना है। सामान आने के बाद ही मशीन शुरू हो पाएगी। बताया जाता है कि पिछले 20 दिनों से बच्चादानी कैंसर से पीड़ित महिलाओं के उपचार में ब्रेकीथैरेपी देने वाली मशीन तकनीकी खराबी आने के कारण पूरी तरह से ठप पड़ गई है। ऐसे में मरीजों के थैरेपी के लिए अब दूसरे जिलों में भेजा जा रहा है।
एक थैरेपी के लिए 15 हजार होते हैं खर्च- विशेषज्ञों के मुताबिक निजी अस्पतालों में ब्रेकीथैरेपी के लिए करीब 15 हजार रुपए तक का चार्ज लिया जाता है। एक पीड़ित मरीज के लिए कम से कम तीन ब्रेकीथैरेपी लेना आवश्यक होता है।
कई दिनों से खराब थी एक ट्यूब
सूत्रों की मानें तो सेंटर में ब्रेकीथैरेपी मशीन में लगने वाली तीन ट्यूब में से एक लंबे समय से खराब थी। ट्यूब को विदेश से आना था करीब 60 हजार रुपए की लागत वाला यह सामान अब तक नहीं आ पाया। इस बीच मशीन में दूसरी तकनीक समस्या आ गई और वह बंद पड़ गई।
सेंटर में ब्रेकीथैरेपी मशीन तकनीक समस्या के चलते बंद हो गई है। अब जिन मरीजों को यह थैरेपी दी जाना है उन्हें हम भोपाल, नागपुर व सतना भेज रहे हैं। अब इसे शुरू होने में करीब 15 दिन और लग सकते है क्यों कि सामान जर्मनी से आना है। -डॉ. लक्ष्मी सिंगोतिया अधीक्षक स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट जबलपुर